2nd वनडे मैच से पहले वेस्टइंडीज की टीम गमजदा, 31 शतक ठोंकने वाले पूर्व क्रिकेटर का निधन

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 17 दिसंबर 2019 (21:42 IST)
विशाखापट्‍टनम। भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज का दूसरा मैच बुधवार को यहां खेला जाएगा, लेकिन मैच से पहले ही एक बुरी खबर ने वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों को गमजदा कर दिया। उन्हें दु:खद खबर मिली है कि 31 शतक ठोंकने वाले पूर्व क्रिकेटर बासिल बूचर का 86 वर्ष की आयु में अमेरिका के फ्लोरिडा में सोमवार को निधन हो गया।
 
बांह पर काली पट्‍टी बांधेंगे वेस्टइंडीज के क्रिकेटर : वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने ट्‍विटर पर बासिल बूचर के निधन का समाचार देते हुए उनकी तस्वीर पोस्ट करके अपनी श्रद्धांजलि दी। इस खबर ने टीम के खेमे में हडकंप मचा दिया और सभी खिलाड़ियों के चेहरे उतर गए। दूसरा वनडे मैच खेलते हुए वेस्टइंडीज के खिलाड़ी शोक स्वरूप अपनी बांह पर काली पट्‍टी बांधकर मैदान में उतरेंगे।
 
जानिए, कौन थे बासिल बूचर : बासिल का जन्म गयाना के एक छोटे से गांव में हुआ। वे महान खिलाड़ी रोहन कन्हाई और कालीचरण के घर के पास ही रहते थे। उनकी स्कूली शिक्षा पूरी नहीं हुई और वे क्रिकेट में करियर बनाने में सफल रहे। क्रिकेट खेलने के अलावा उन्होंने शिक्षक, इंश्योरेंस एजेंट और पीडब्ल्यूडी में भी काम किया।
60 के दशक में कमाया नाम : बासिल बूचर ने 60 के दशक में खूब नाम कमाया। वे सर गैरी सोबर्स, रोहन कन्हाई और क्लाइव लॉयड जैसे महान क्रिकेटरों के साथ खेले। दाएं हाथ के बल्लेबाज बूचर ने भारत के खिलाफ पदार्पण किया और 1969 तक 44 टेस्ट खेले। उन्होंने 7 शतक और 16 अर्धशतक की मदद से 43.11 की औसत के साथ 3104 रन बनाए, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 209 रन रहा। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके नाम 31 शतक हैं।
 
पत्नी के गर्भपात की खबर के बाद भी बल्लेबाजी की : बासिल बूचर का बल्ला इंग्लैंड के खिलाफ खूब चला। उन्होंने इंग्लैंड के विरुद्ध 42.90 के औसत सबसे ज्यादा 1373 रन ठोंके, जिसमें 2 शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं। 1963 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ 133 रन की यादगार पारी खेली। इस पारी में ब्रेक के दौरान उन्हें अपनी पत्नी के गर्भपात की खबर मिली। उन्होंने टेलीग्राम पढ़ा और दोबारा बल्लेबाजी के मैदान पर पहुंच गए। उन्होंने 1965 में इंग्लैंड के अपने अगले दौर पर नॉटिंघम के ट्रेंटब्रिज में 209 रन की पारी खेली। 
 
बासिल बूचर को आउट करना मुश्किल था : 60 के दशक में बासिल बूचर का जलवा तब के क्रिकेटरों ने खूब देखा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके बल्ले से 3 शतक निकले। उन्होंने भारत के खिलाफ भी 2 शतक बनाए। ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर रिची बेनो की प्रतिक्रिया मायने रखती है। रिची का कहना था कि वे धाकड़ बल्लेबाज थे और उन्हें आउट करना गेंदबाजों के लिए टेढ़ी खीर हुआ करता था।

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