मेलबर्न: स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने मंगलवार को यहां भारत के दूसरे टेस्ट में जीत के साथ श्रृंखला बराबर करने के बाद कहा कि नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में अजिंक्य रहाणे ड्रेसिंग रूम में धैर्य लेकर आए।
एडीलेड में दिन-रात्रि टेस्ट की दूसरी पारी में अपने टेस्ट इतिहास के 36 रन के न्यूनतम स्कोर पर सिमटने के बाद मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) पर भारतीय टीम ने रहाणे के नेतृत्व में जोरदार वापसी करते हुए आठ विकेट की यादगार जीत के साथ चार मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर की।
स्टार आफ स्पिनर अश्विन ने 7 क्रिकेट से कहा, 36 रन पर आउट होने के बाद वापसी कभी आसान नहीं थी। अपने देश के क्रिकेट पर गर्व है और विराट को गंवाना झटके की तरह था।
उन्होंने कहा, लेकिन हमने काफी अच्छी वापसी की। ड्रेसिंग रूम में जिंक्स (रहाणे) के धैर्य ने हमें स्थिरता दी जिसकी जरूरत थी और हम इस मैच में अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन कर पाये ।
पहले टेस्ट में हार से 0-1 से पिछड़ने के बाद भारत को एक और झटका लगा जब तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी भी दायें हाथ में फ्रेक्चर के साथ श्रृंखला से बाहर हो गए।
लेकिन रहाणे ने दूसरे टेस्ट में पहले दिन से ही कप्तानी में कुछ अच्छे फैसले किए। उन्होंने पहले दिन 11वें ओवर में ही गेंद अश्विन को थमा दी जिसका फायदा मिला।
रहाणे के इस शानदार फैसले के बाद अश्विन ने अपने पहले स्पैल में ही मैथ्यू वेड और स्टीव स्मिथ को आउट किया। अश्विन ने लगातार दूसरी पारी में स्मिथ को अपने पहले स्पैल में आउट किया जिससे आस्ट्रेलियाई टीम पहली पारी में 195 रन पर सिमट गई।
चौंतीस साल के अश्विन ने स्मिथ के विकेट के संदर्भ में कहा, अगर आप आस्ट्रेलिया में आए हो और स्टीव स्मिथ को आउट नहीं कर पाए तो आपकी राह हमेशा मुश्किल होने वाली है।
मैच में पांच विकेट चटकाने वाले अश्विन ने कहा, उसे जल्दी आउट करने को लेकर हम हमेशा रणनीति बनाते हैं। हम मिलकर रणनीति बनाते है और जब यह योजना सफल होती है तो खुशी होती है।
गावस्कर ने कहा था अश्विन से हो रहा है अन्याय
गौरतलब है कि हाल ही में भारत के लिटिल मास्टर माने जाने वाले पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने यह कहा था कि आर अश्विन के साथ टीम इंडिया में अन्याय होता है।
गावस्कर ने कहा था "अश्विन को टीम मीटिंग्स में अपनी राय रखने का दंड भुगतना पड़ा है। जहां ज्यादातर खिलाड़ी बस हां में हां मिलाते हैं। अश्विन 350 विकेट ले चुके हैं और 4 टेस्ट शतक जड़ चुके हैं। फिर भी अगर वह किसी टेस्ट में विकटों का ढेर नहीं निकालेंगे तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। यह नियम उस बल्लेबाज पर क्यों नहीं लागू होता जो लगातार सस्ते में आउट हो रहा है।"
ऐसे समय में अश्विन का यह कहना कि रहाणे ड्रेसिंग रूम में धैर्य लेकर आते हैं , साफ इशारा करता है कि इससे पहले ड्रेसिंग रूम का माहौल अधीर था, और ड्रेसिंग रूम का माहौल सही रखना एक कप्तान की जिम्मेदारी होती है। कहीं न कहीं अश्विन ने रहाणे की तारीफ करते हुए विराट कोहली की कप्तानी की आलोचना की है। (भाषा)