सूर्यकुमार ने सोमवार को स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, "मुझे लगता है कि जो भूमिका मुझे दी जाएगी, मैं उस भूमिका को निभाने की कोशिश करूंगा। अगर भूमिका बदलती है तो मैं वह भी करने की कोशिश करूंगा। यह एक ऐसा प्रारूप है जिसमें मैं अच्छा प्रदर्शन करने के लिये उत्सुक हूं।"
उन्होंने कहा, "मेरे हिसाब से यह प्रारूप सबसे चुनौतीपूर्ण है। इसके पीछे वजह ये है कि यहां आपको तीनों प्रारूपों की तरह खेलना होता है। सबसे पहले शांति और धैर्य के साथ क्रीज पर पांव जमाना, फिर अच्छी तरह एक-दो रन लेकर पारी को आगे बढ़ाना और इसके बाद अंत में टी20 की तरह खेलना। इसलिए इस प्रारूप में संतुलन बहुत महत्वपूर्ण है और इसी कारण से मैं बहुत अभ्यास कर रहा हूं। राहुल सर, रोहित भाई और विराट भाई के साथ इस संबंध में बातचीत भी कर रहा हूं। उम्मीद है इस टूर्नामेंट के आगे बढ़ने के साथ मैं प्रारूप को समझ लूंगा।"
भारत अपने एशिया कप की शुरुआत दो सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ करेगा। एशिया कप के बाद भारत तीन मैचों की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा, जबकि आठ अक्टूबर से रोहित शर्मा की टीम को अपना विश्व कप अभियान शुरू करना है। सूर्यकुमार अगर एशिया कप में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें भारतीय सरज़मीन पर होने वाले विश्व कप का टिकट मिलना लगभग तय है।
सूर्यकुमार ने कहा, "मैं बस अपना इरादा बनाए रखने की कोशिश कर रहा हूं। कम से कम उसी दृष्टिकोण को अपनाने की कोशिश कर रहा हूं क्योंकि जब आप यह खेल खेल रहे हों तो अपने दृष्टिकोण पर कायम रहना बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन मैं साथ ही स्थिति के अनुसार खेलने की कोशिश कर रहा हूं। उदाहरण के लिये अगर मैं 30वें ओवर में बल्लेबाजी करने जा रहा हूं और 20 ओवर बचे हैं तो शुरू से ही मैं अपना खेल उस तरह नहीं खेल सकता जैसे मैं टी20 में खेलता हूं क्योंकि वहां हमारा सिर्फ एक विकेट गिरा होगा और यहां चार विकेट, इसलिए मुझे उस स्थिति के हिसाब से खेलना होगा। मैं प्रारूप को समझने के लिये अभ्यास कर रहा हूं और उम्मीद है कि मैं जिस तरह की तैयारी कर रहा हूं, उससे मैं इसमें ढल पाऊंगा।'