कोलकाता। श्रीलंकाई ऑलराउंडर दिलरूवान परेरा ने भारत और श्रीलंका के बीच चल रहे पहले क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन रविवार को यहां डीआरएस की अपील कुछ इस तरह की कि सभी को ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ की विवादास्पद डीआरएस अपील याद आ गई।
भारत और श्रीलंका के बीच ईडन गार्डन में चल रहे पहले क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन रविवार को जब श्रीलंका की पहली पारी में दिलरूवान बल्लेबाजी कर रहे थे तब यह वाक्या हुआ।
मैच के 57वें ओवर में दिलरूवान को भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने पगबाधा किया। शमी की गेंद श्रीलंकाई बल्लेबाज़ के पैड पर जाकर लगी और नाइजल लोंग ने पगबाधा का निर्णय दिया।
हालांकि दिलरूवान ड्रैसिंग रूम की ओर कुछ कदम चलने के बाद वापिस पलटे और रिव्यू की मांग कर दी। रिप्ले से साफ हुआ कि गेंद दिलरूवान के पैड का बाहरी किनारा लेते हुए गई है और लोंग को फिर अपना निर्णय बदलकर श्रीलंकाई खिलाड़ी को नॉटआउट देना पड़ा।
यह साफ नहीं हुआ कि आखिर दिलरूवान ने जब वापिस जाने का फैसला कर लिया था तो वह वापिस क्यों आये और क्यों उन्होंने रिव्यू लेने का फैसला किया। हाल ही में अबुधाबी में श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच टेस्ट के दौरान भी इसी तरह की स्थिति पैदा हुई थी। लेकिन भारतीयों के लिए यह मामला काफी हद तक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए डीआरएस विवाद की याद करा गया।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इसी वर्ष बेंगलुरू टेस्ट के दौरान भी अंपायर ने कप्तान स्मिथ को उस समय पगबाधा पर रिव्यू लेने से रोका था जब वह निर्णय के लिए ड्रैसिंग रूम से सलाह लेते हुए दिखाई दे रहे थे। इस मामले में भी लोंग ही अंपायर की भूमिका में थे जिन्होंने उमेश यादव की गेंद पर स्मिथ को आउट दिया था।
घटना पर विवाद बढ़ने के बाद स्मिथ ने माना था कि उस समय वह सोचने समझने की स्थिति में नहीं थे। इस मामले में भारतीय कप्तान विराट कोहली भी कूद पड़े थे जिससे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया(सीए) के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी। भारतीय बोर्ड ने तो इस पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) में भी शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन दोनों बोर्डों ने फिर मामले को शांति से सुलझाया और भारत ने अपनी शिकायत वापिस ले ली थी। (वार्ता)