बर्मिंघम। कामचलाऊ स्पिनर केदार जाधव की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने बीच के ओवरों में शानदार प्रदर्शन करके बांग्लादेश को तमीम इकबाल और मुशफिकर रहीम की शतकीय साझेदारी के बावजूद आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में गुरुवार को यहां सात विकेट पर 264 रन ही बनाने दिए।
भुवनेश्वर कुमार ने शुरू में ही दो विकेट निकालकर भारत को शानदार शुरुआत दिलाई लेकिन इसके बाद तमीम (70) और मुशफिकर (61) ने तीसरे विकेट के लिए 123 रन जोड़कर टीम को इन झटकों से उबारा। एजबेस्टन की सपाट पिच पर एक समय बांग्लादेश 300 रन तक पहुंचने की स्थिति में दिख रहा था लेकिन भारत ने बीच में 25 रन के अंदर इन दोनों के अलावा अनुभवी शाकिब अल हसन को आउट करके अच्छी वापसी की। कप्तान मशरेफी मुर्तजा ने 25 गेंदों पर नाबाद 30 रन बनाए।
जाधव भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने छह ओवर में 22 रन देकर तमीम और मुशफिकर के महत्वपूर्ण विकेट लिए। जसप्रीत बुमराह ने 39 रन देकर दो और भुवनेश्वर ने 53 रन देकर दो विकेट हासिल किए। रवींद्र जडेजा ने 48 रन देकर एक विकेट लिया जिससे वह चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की तरफ से सर्वाधिक 16 विकेट लेने वाले गेंदबाज बने।
पिच के व्यवहार और भारत का लक्ष्य का पीछा करने में शानदार रिकॉर्ड को देखते हुए विराट कोहली ने टॉस जीतकर बांग्लादेश को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित करने में देर नहीं लगाई और इसके बाद भुवनेश्वर ने शुरू में ही दो विकेट झटककर उनका यह फैसला सही भी साबित कर दिया। बादल छाए थे और पिच में नमी थी। ऐसे में भुवनेश्वर जैसे स्विंग गेंदबाज का सामना करना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होता।
मुशफिकर दबाव समाप्त करने के मूड से ही क्रीज पर उतरे थे। भुवनेश्वर की लगातार गेंदों पर लगाए गए उनके तीनों चौके दर्शनीय थे। उन्होंने और तमीम ने रणनीतिक बल्लेबाजी की और केवल ढीली गेंदों पर बड़े शाट खेले। तमीम ने हार्दिक पंड्या पर छक्का जड़ने के बाद जडेजा पर चौका लगाकर 62 गेंदों पर अपना 38वां वनडे अर्धशतक पूरा किया।
इसके बाद उन्होंने रविचंद्रन अश्विन पर लगातार तीन चौके लगाकर भारतीयों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया। कोहली ने ऐसे में कामचलाऊ स्पिनर के तौर पर केदार जाधव को गेंद सौंपने का जुआ खेला जो सही साबित हुआ। उनकी सीधी गेंद पर तमीम करारा शाट जमाने चाहते थे लेकिन उनकी टाइमिंग सही नहीं थी और गेंद उनके लेग स्टंप पर लगकर गिल्ली गिरा गई। तमीम ने 82 गेंद की अपनी पारी में सात चौके और एक छक्का लगाया।
इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने मध्यक्रम लड़खड़ा दिया। जडेजा ने अनुभवी और भरोसेमंद शाकिब अल हसन (15) को देर तक नहीं टिकने दिया जो उनकी कोण लेती गेंद को नहीं समझ पाए और विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी ने मुश्किल कैच को आसान बनाकर भारत को यह महत्वपूर्ण विकेट दिलाया। मुशफिकर भी अपना 26वां अर्धशतक पूरा करने के बाद पैवेलियन लौट गए। जाधव ने लगातार खाली गेंदें करके उन्हें भी तमीम की तरह दबाव में ला दिया था। उनकी फुललेंथ गेंद को रहीम ने फुलटास के रूप में खेलकर मिडविकेट पर उछाला जहां कोहली ने उसे कैच में बदला।
बुमराह ने मोसादेक हुसैन (15) और महमुदुल्लाह (21) को आउट करके डेथ ओवरों से पहले ही बांग्लादेश पर दबाव बढ़ा दिया। मशरेफी और तास्किन अहमद (नाबाद 10) ने आठवें विकेट के लिए 35 रन की उपयोगी साझेदारी की।
गेंदबाजी का आगाज करने वाले भुवनेश्वर ने पारी के पहले ओवर में सौम्य सरकार (शून्य) को बोल्ड कर दिया जो कवर ड्राइव मारने के प्रयास में गेंद अपने विकेटों पर खेल गए। शब्बीर रहमान (19) ने भुवनेश्वर के अगले ओवर में दो साहसिक शाट जमाए, लेकिन इसी गेंदबाज की धीमी गेंद पर वे गच्चा खा गए और बैकवर्ड प्वाइंट पर खड़े जडेजा को आसान कैच दे बैठे। (भाषा)