INDvsWI भारतीय टीम खराब फॉर्म से जूझ रही वेस्टइंडीज के खिलाफ शनिवार को यहां होने वाले दूसरे वनडे के लिए फिर अपने निर्धारित बल्लेबाजी क्रम पर वापसी कर सकती है ताकि वह बल्लेबाजों के बेहतर प्रदर्शन की बदौलत तीन मैचों की श्रृंखला में अजेय बढ़त बना ले।
कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ को पहले वनडे में मध्यक्रम बल्लेबाजों को दूसरे सत्र में टर्न लेती पिच पर आजमाने में थोड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ा लेकिन लक्ष्य महज 115 रन का था तो टीम ने आराम से इसे हासिल कर लिया।
कोई भी पक्के तौर पर कह सकता है कि अगर भारत को फिर इतने छोटे लक्ष्य का पीछा करना पड़े तो भी रोहित खुद शुभमन गिल के साथ बल्लेबाजी के लिए उतरेंगे और विराट कोहली तीसरे नंबर पर खेलेंगे।
पहले वनडे में अर्धशतकीय पारी से प्रभावित करने के बावजूद ईशान किशन को मध्यक्रम में बल्लेबाजी करनी होगी और अगर केएल राहुल वापसी करते हैं तो उन्हें श्रीलंका में एशिया कप के दौरान इस जगह को खाली करना होगा।
आस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में आठ अक्टूबर (मौजूदा कार्यक्रम के अनुसार) को शुरुआती विश्व कप मैच से पहले बस 11 और मैच बचे हैं तो भारत का लक्ष्य एक संतुलित संयोजन पर अडिग रहने का होगा इसलिये ज्यादा प्रयोग करने पर शायद जोर नहीं दिया जाये।
बारबडोस में केनसिंगटन ओवल दिवंगत मैलकम मार्शल और जोएल गार्नर का घरेलू मैदान है जिस पर दौरा करने वाली टीम के बल्लेबाज बिग फोर (एंडी रॉबर्ट्स और माइकल होल्डिंग) का सामना करने की बात सोचकर ही दबाव में आ जाते थे।
लेकिन गुरुवार को केनिसंगटन ओवल की पिच स्पिनरों के लिए फायदेमंद दिखी जिसमें रविंद्र जडेजा और कुलदीप यादव की टर्न और उछाल लेती गेंदों के सामने कैरेबियाई बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिये।यहां तक कि हार्दिक पंड्या नयी गेंद से उमरान मलिक के साथ बल्लेबाजों को परेशान करने में सफल रहे। मलिक ने काफी गेंद तेज रफ्तार से डालीं।
वेस्टइंडीज क्रिकेट के अब वो स्वर्णिम दिन गुजर गये हैं और भारत में वनडे विश्व कप के लिए क्वालीफाई नहीं करने के बाद से क्रिकेट की लोकप्रियता भी निचले स्तर पर पहुंच गयी है।
दूसरे वनडे में शायद उसी पिच का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा लेकिन इसकी प्रकृति भी वैसी ही हो सकती है इसलिये भारतीय टीम को पहले बल्लेबाजी करने की चुनौती से दिक्कत नहीं होनी चाहिए।गुडाकेश मोती की बायें हाथ की स्पिन गेंदबाजी और यानिक कारिया की लेग ब्रेक गेंदों को खेलना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा, हालांकि यह इतना आसान भी नहीं होगा।
भारतीय बल्लेबाजों टर्न लेती पिचों पर स्पिनरों के खिलाफ धाकड़ बल्लेबाजी करके बड़ा स्कोर नहीं बना सके हैं लेकिन अगर पहले वनडे जैसी परिस्थितियों में ऐसा करना पड़े तो यह टीम के लिये इतनी खराब परीक्षा भी नहीं होगी।
चेन्नई और लखनऊ जैसे स्थल (आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ वनडे विश्व कप के स्टेडियम) स्पिनरों के लिये मददगार होंगे और विदेशी हालात में इसी तरह की पिचों पर कुछ अभ्यास करना हमेशा अच्छा ही साबित होगा। घरेलू मैदान पर इसी तरह की पिचों की उम्मीद कर सकते हैं।
सूर्यकुमार यादव के लिए अपनी टी20 फॉर्म को 50 ओवर के क्रिकेट में दोहराना निहायत जरूरी होगा। गुरुवार को उनके पास सुनहरा मौका था और वह अच्छी लय में भी दिख रहे थे लेकिन मोती की गेंद पर स्वीप शॉट खेलने से उनकी पारी खत्म हो गयी।
सूर्यकुमार जानते हैं कि अगर श्रेयस अय्यर फिट हो जाते हैं और अगर केएल राहुल वापसी करते हैं तो अंतिम एकादश में उनके स्थान पर खतरा मंडरा सकता है जिससे उनके लिए 15 सदस्यीय टीम में जगह बनाना मुश्किल हो जायेगा। इसलिये उनके लिये एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ रन बनाना बहुत जरूरी होगा ताकि टीम में उनका स्थान पक्का हो सके।
मुकेश कुमार रिजर्व (पांचवें) तेज गेंदबाज के तौर पर शामिल हैं लेकिन उन्हें टीम में जगह बनानी चाहिए। उनकी अनुशासित लाइन एवं लेंथ बेहतरीन रही है और उन्हें बाहर करना मुश्किल होगा जब तक कि भारत 15 सदस्यीय टीम में अतिरिक्त स्पिनर नहीं चुनती।(भाषा)
टीमें इस प्रकार हैं:
भारत : रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, रूतुराज गायकवाड़, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, संजू सैमसन (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या (उप कप्तान), शार्दुल ठाकुर, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, जयदेव उनादकट, मोहम्मद सिराज, उमरान मलिक, मुकेश कुमार