टूटा 31 साल का रिकॉर्ड, कोहली की कप्तानी में पहली बार टीम इंडिया का व्हाइटवॉश

Webdunia
मंगलवार, 11 फ़रवरी 2020 (15:32 IST)
माउंट मोंगानुई। न्यूजीलैंड ने तीसरे और अंतिम वनडे में भारत को 5 विकेट से हराकर सीरीज में उसका 3-0 से 'व्हाइटवॉश' कर डाला। विराट कोहली की कप्तानी में यह पहला अवसर है, जब टीम इंडिया इस तरह करारी हार का सामना करना पड़ा। 31 साल पहले भारतीय टीम को आखिरी बार 1989 में वेस्टइंडीज ने 5-0 से हराया था।
 
तीसरे वनडे मैच में लोकेश राहुल के शतक (112) पर न्यूजीलैंड ने सलामी बल्लेबाज हेनरी निकोल्स (80), मार्टिन गुप्टिल (66) और कॉलिन डी ग्रैंडहोम (नाबाद 58) के अर्धशतक भारी पड़े। यही कारण है कि न्यूजीलैंड लगातार तीसरा एकदिवसीय मैच बुरी तरह हारा। 

न्यूजीलैंड ने इस 'क्लीन स्वीप' से भारत से टी-20 सीरीज में मिली 0-5 की क्लीन स्वीप का बदला चुका दिया और साथ ही भारत के खिलाफ 3 या उससे अधिक मैचों की वनडे सीरीज को पहली बार क्लीन स्वीप कर लिया। भारत ने पिछले न्यूजीलैंड दौरे में वनडे सीरीज 4-1 से जीती थी लेकिन इस बार उसे तीनों ही मैचों में करारी हार का सामना करना पड़ा। 
 
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में सात विकेट पर 296 रन का मजबूत स्कोर बनाया लेकिन फॉर्म में चल रहे कीवी बल्लेबाजों के सामने यह स्कोर भी छोटा साबित हुआ। मेजबान टीम ने 47.1 ओवर में 5 विकेट पर 300 रन बनाकर एकतरफा जीत हासिल कर ली।
टी-20 और वनडे सीरीज समाप्त होने के बाद दोनों टीमें अब 21 फरवरी से शुरु होने वाली दो टेस्ट मैचों की सीरीज में उतरेंगी। पहला टेस्ट 21 फरवरी से वेलिंगटन में और दूसरा टेस्ट 29 फरवरी से क्राइस्टचर्च में खेला जाएगा।
 
भारत के वनडे इतिहास में यह तीसरा मौका है जब उसे तीन या उससे अधिक मैचों की सीरीज में 'क्लीन स्वीप' का सामना करना पड़ा। वेस्टइंडीज ने 1983-84 में भारत को 5-0 से और फिर 1988-89 में 5-0 से हराया था। 
 
भारत को इस तरह 31 साल बाद क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा। इस दौरान भारत को 2006-07 में दक्षिण अफ्रीका से पांच मैचों की सीरीज 0-4 से हार का सामना करना पड़ा था हालांकि इस सीरीज का एक मैच रद्द रहा था। 
 
भारत पहली बार न्यूजीलैंड से 0-3 से हारा है। भारत के लिए यह हार इस लिए शर्मनाक रही क्योंकि उसने टी-20 सीरीज 5-0 से जीती थी और उसे वनडे सीरीज में जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था।

इस सीरीज में भारत की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी गेंदबाजी रही और उसके नंबर एक वनडे गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को पूरी सीरीज में 1 भी विकेट नहीं मिला। बुमराह ने इस मैच में 10 ओवर में 50 रन दिए और खाली हाथ रहे। 
 
तेज गेंदबाज नवदीप सैनी आठ ओवर में 68 रन लुटाकर कोई विकेट नहीं ले पाए। शार्दुल ठाकुर ने 9.1 ओवर में 87 रन लुटाकर मात्र एक विकेट लिया। लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल 10 ओवर में 47 रन पर 3 विकेट लेकर सबसे सफल रहे। लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा ने 10 ओवर में 45 रन पर एक विकेट लिया।

बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए गुप्टिल और निकोल्स ने पहले विकेट के लिए 16.3 ओवर में 106 रन जोड़कर मेजबान को ठोस आधार दिया। गुप्तिल ने 46 गेंदों पर 66 रन की विस्फोटक पारी में 6 चौके और चार छक्के लगाए। कप्तान केन विलियम्सन कंधे की चोट के कारण पहले 2 मैचों में बाहर रहे थे लेकिन इस मैच में लौटकर उन्होंने 31 गेंदों में 2 चौकों की मदद से 22 रन बनाए। 
 
चहल ने गुप्तिल को बोल्ड कर भारत को पहली सफलता दिलाई। चहल ने फिर विलियम्सन को मयंक अग्रवाल को हाथों कैच कराकर दूसरा विकेट लिया। भारतीयों के लिए अबतक सिरदर्द रहे रॉस टेलर को जडेजा ने कप्तान विराट कोहली के हाथों कैच करा दिया। टेलर ने 18 गेंदों पर 12 रन बनाए।
 
ठाकुर ने निकोल्स को विकेट के पीछे राहुल के हाथों कैच कराया। निकोल्स ने 103 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से 80 रन बनाए। न्यूजीलैंड का चौथा विकेट 189 के स्कोर पर गिरा। इस समय भारत को जीत की उम्मीद नजर आने लगी थी। जेम्स नीशम 25 गेंदों में 19 रन बनाकर चहल का तीसरा शिकार बने और उनका विकेट 40वें ओवर में 220 के स्कोर पर गिरा। लेकिन टॉम लाथम और ग्रैंडहोम ने छठे विकेट के लिए 80 रन की अविजित साझेदारी कर 17 गेंद शेष रहते ही मैच समाप्त कर दिया। 
 
ग्रैंडहोम ने 28 गेंदों पर छह चौके और तीन छक्के उड़ाते हुए नाबाद 58 रन ठोके जबकि लाथम ने 34 गेंदों पर तीन चौकों के सहारे नाबाद 32 रन बनाए। निकोल्स को 'प्लेयर ऑफ द मैच' और टेलर को 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' का पुरस्कार मिला।
 
इस मुकाबले में विकेटकीपर बल्लेबाज लोकेश राहुल (112) का शानदार शतक अंत में बेकार चला गया। गेंदबाजों ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। राहुल ने 113 गेंदों में नौ चौके और दो छक्कों की मदद से 112 रन बनाए। श्रेयस अय्यर ने 63 गेंदों में 62 रन की पारी में नौ चौके लगाए। 
 
ओपनर पृथ्वी शॉ ने 42 गेंदों पर 40 रन में 3 चौके और 2 छक्के लगाए जबकि मनीष पांडे ने 48 गेंदों में 2 चौकों के सहारे 42 रन बनाए। कप्तान विराट कोहली ने फिर निराश किया और 12 गेंदों में 9 रन बनाकर आउट हो गए। मयंक अग्रवाल 1 रन बनाकर आउट हुए जबकि जडेजा 8 रन पर नाबाद रहे। शार्दुल ठाकुर ने 7 और नवदीप सैनी ने नाबाद 8 रन बनाए।

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