नाटिंघम। भारत के सहायक कोच संजय बांगड़ ने कहा कि भारतीय बल्लेबाज काफी दबाव में हैं और इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट में शर्मनाक हार के बाद ‘अपने करियर के लिए खेल रहे हैं।
दुनिया की नंबर एक टीम भारत पांच मैचों की श्रृंखला में 0-2 से पीछे चल रही है लेकिन तीसरे टेस्ट के पहले दिन टीम ने मजबूत प्रदर्शन करते हुए छह विकेट पर 307 रन बनाए। बांगड़ ने कहा कि खिलाड़ी स्वयं भी काफी दबाव में हैं। वे अपने करियर के लिए खेल रहे हैं। हम समझ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जब चीजें आपके पक्ष में नहीं हो रही हो तो यह महत्वपूर्ण है कि आप धैर्य बरकरार रखें, चीजें सही हो या नहीं समान रवैया बरकरार रखें, अपना संतुलन बनाए रखें, इससे मदद मिलती है।
बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन ने सहयोगी स्टॉफ पर सवालिया निशान लगा दिया है लेकिन बांगड़ ने कहा कि काम के साथ ही दबाव आता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को पता है कि ऐसी कोई जादू की छड़ी नहीं है जिसे हम किसी बल्लेबाज पर घुमा दें। आपको समझना होगा कि पिछले पांच टेस्ट जो हमने विदेशी सरजमीं पर खेले हैं उनमें से सेंचुरियन टेस्ट के छोड़कर बाकी सभी मुश्किल हालात में खेले गए।
उन्होंने कहा कि जोहानिसबर्ग टेस्ट को देखो जो हमारे समूह का मानना है कि हमारे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में से एक है, रनों की संख्या के मामले में नहीं लेकिन मुश्किल हालात में दर्ज की गई जीत के कारण।
बांगड़ ने कहा, और हां, दबाव से निपटना किसी भी पेशेवार काम का हिस्सा है और हम हरसंभव प्रयास करने की कोशिश करते हैं, हम जो भी सहयोग दे सकते हैं या जो भी रणनीति बना सकते हैं। बांगड ने कहा कि तकनीक में बदलाव के कारण भारतीय बल्लेबाजों को ट्रेंटब्रिज टेस्ट में मदद मिली।
विराट कोहली ने 97 रन की पारी खेली जबकि अजिंक्य रहाणे ने 81 रन बनाए। बांगड़ ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह रहा कि सलामी साझेदारी हमारी उम्मीद के मुताबिक रही। पहले दो टेस्ट में हम शुरुआती 15 ओवर के भीतर दो या तीन विकेट गंवा रहे थे और मध्यक्रम में मुश्किल हालात में हमें जल्दी विकेट पर उतरना पड़ रहा था।
कोहली और रहाणे ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 159 रन की साझेदारी की। (भाषा)