ईशांत शर्मा ने कहा, बिना सलाइवा के भी WTC फाइनल में खूब स्विंग होंगी गेंदें

Webdunia
मंगलवार, 15 जून 2021 (20:03 IST)
मुंबई:भारत के अनुभवी तेज गेंदबाज इशांत शर्मा का मानना है कि इंग्लैंड के साउथम्प्टन में खेले जाने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में गेंद लार के बिना भी स्विंग करेगी। उन्होंने कहा कि टीम में से किसी गेंदबाज को गेंद को स्विंग कराते रहने की जिम्मेदारी लेने होगी।
 
इशांत ने मंगलवार को डब्ल्यूटीसी फाइनल के दौरान लार के उपयोग के महत्व को लेकर साझा किए अपने विचार में ये बाते कहीं हैं। उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यकम ‘ क्रिकेट कनेक्टेड ’ पर कहा, “ अगर यहां की परिस्थितियों में गेंद को अच्छी तरह से स्विंग कराना जारी रखा जाए तो गेंदबाजों के लिए इन मुश्किल परिस्थितियों में भी विकेट लेना आसान होगा। आपको अलग तरह से प्रशिक्षित होने और बदलाव के अनुकूल होने की जरूरत है। भारत में आपको कुछ समय बाद रिवर्स स्विंग मिलती है, लेकिन इंग्लैंड में स्विंग की वजह से गेंद की लेंथ फुल हो जाती है, इसलिए आपको गेंद की लेंथ में समायोजन (एडजस्टमेंट) करना होगा। यह करना आसान नहीं है और यहां का मौसम ठंडा है, इसलिए मौसम के अनुकूल होने में समय लगता है। ”
 
तेज गेंदबाज ने कहा, “ क्वारंटीन भी चीजों को मुश्किल बना देता है, क्योंकि आप मैदान पर नहीं जा सकते। आईपीएल के बाद हमें मैदान में जाकर ट्रेनिंग करने की इजाजत नहीं थी। जिम में ट्रेनिंग करना और जमीन पर ट्रेनिंग करना बहुत अलग होता है। आपको इसके साथ तालमेल बिठाना पड़ता है और इसमें समय लगता है। ”
 
युवा भारतीय ओपनर शुभमन गिल ने भी ‘ क्रिकेट कनेक्टेड ’ पर अपने भारत ए और अंडर-19 टीम के इंग्लैंड दौरे से मिली सीख को साझा किया। उन्होंने कहा, “ जब मैंने भारत ए और अंडर-19 टीम के साथ इंग्लैंड का दौरा किया तो सभी ने मुझे एक निश्चित संख्या में गेंदें खेलने के लिए कहा, अगर मैं रन बनाना चाहता हूं, लेकिन मुझे लगता है कि रन बनाने का आपका इरादा कभी भी बैक फुट पर नहीं जाना चाहिए और आपको लगातार रन बनाने के बारे में देखना चाहिए। जब आप रन बनाना चाह रहे होते हैं तो गेंदबाज बैकफुट पर आ जाते हैं और आप गेंदबाज पर कुछ दबाव डाल सकते हैं, लेकिन अगर आप केवल बचते रहने के बारे में सोचेंगे तो आप दबाव में आ जाएंगे। मुझे लगता है कि कभी-कभी इंग्लैंड की परिस्थितियों में पिच पर टिके रहने के लिए आपको खराब गेंदों को भी छोड़ना पड़ता है। ”

गौरतलब है कि वर्ष 2007 में ढाका में बंगलादेश के खिलाफ अपना टेस्ट करियर शुरु करने वाले इशांत को 300 विकेट लेने में कुल 98 टेस्ट खेलने पड़े।
 
अगर भारतीय गेंदबाजों (पेस और स्पिन) की बात करें इशांत से आगे जहीर खान (92 टेस्ट 311 विकेट), रविचंद्रन अश्विन (74 टेस्ट 377 विकेट), हरभजन सिंह (103 टेस्ट 417 विकेट), कपिल देव (131 टेस्ट 434 विकेट) और अनिल कुंबले (132 टेस्ट 619 विकेट) हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इशांत यह उपलब्धि हासिल करने वाले पैंतीसवें खिलाड़ी हैं। इशांत का टेस्ट में सबसे बेहतर प्रदर्शन 74 रन देकर 7 विकेट है। वह टेस्ट में 11 बार पांच और एक बार दस विकेट ले चुके हैं।(वार्ता)

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