मिताली राज ने क्रिकेट से संन्यास लेने की औपचारिक घोषणा कर दी है। वैसे तो उन्होंने पहले ही कह दिया था कि वह न्यूजीलैंड में खेला महिला वनडे विश्वकप उनका अंतिम टूर्नामेंट रहेगा लेकिन इसके बाद एक प्रेस कॉंफ्रेस में उन्होंने कहा था कि वह इसके बारे में सोचेंगी। लेकिन आज उन्होंने आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि कर दी।
मिताली ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और बोर्ड के सचिव जय शाह को उनके समर्थन के लिये धन्यवाद दिया और कहा कि इतने सालों तक टीम की अगुवाई करना सम्मान की बात थी।
मिताली ने क्रिकेट के साथ अपने भविष्य के बारे में कहा, “यह सफ़र भले ही ख़त्म हो गया हो लेकिन एक और सफ़र मुझे बुलाता है। मैं उस खेल के साथ जुड़ी रहना चाहुंगी जिससे मैं प्यार करती हूं और भारत एवं विश्व भर में महिला क्रिकेट के विकास में योगदान देना चाहूंगी।”
मिताली ने अपने सभी प्रशंसकों के प्यार और समर्थन के लिये धन्यवाद देते हुए पत्र का अंत किया।मिताली ने 1999 में 16 साल की उम्र में भारत के लिए खेलना शुरू किया था। भारत की सर्वकालिक महान खिलाड़ी मिताली ने 12 टेस्ट, 232 एकदिवसीय और 89 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और एक कप्तान के तौर पर भारत को दो विश्व कप के फाइनल में भी पहुंचाया।
ऐसा रहा मिताली का करियर
वनडे में सात शतकों की मदद से मिताली ने 50.68 के औसत से कुल 7805 रन बनाए। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने एक शतक और चार अर्धशतकों समेत 699 रन जोड़े। "प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों" के उभरने के बाद टी20 क्रिकेट में एक क़दम पीछे ले चुकी मिताली ने 37.52 की औसत से 2364 रन बनाए। इस दौरान टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में उनके बल्ले से 17 अर्धशतक निकले।कुल मिलाकर 10,868 रन बनाकर मिताली महिला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज़ बनीं