हमने भावी पीढ़ी के लिए मंच तैयार कर दिया है : मिताली

Webdunia
सोमवार, 24 जुलाई 2017 (16:20 IST)
लंदन। उनकी टीम दूसरी बार चैंपियन बनने से चूक गई लेकिन भारतीय कप्तान मिताली राज का मानना है कि देश में भारतीय महिला क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है और भावी पीढ़ी के लिए मंच तैयार कर दिया गया है।
 
भारत लॉर्ड्स में रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ एक समय पहली बार विश्व कप जीतने की स्थिति में दिख रहा था लेकिन उसने 28 रन के अंदर 7 विकेट गंवा दिए। एक समय उसका स्कोर 3 विकेट पर 191 रन था लेकिन आखिर में टीम 229 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 48.4 ओवरों में 219 रन पर आउट हो गई। इसके बावजूद कप्तान ने कहा कि भारत के लिए भविष्य उज्ज्वल लगता है।
 
मिताली ने कहा कि इन लड़कियों ने वास्तव में भारत की भावी पीढ़ी के लिए मंच तैयार कर दिया है। उन्होंने महिला क्रिकेट के लिए रास्ते खोल दिए हैं और उन्हें खुद पर गर्व होना चाहिए। मैंने वे बदलाव देखे हैं, जो इन लड़कियों ने किए हैं। 34 वर्षीय मिताली ने स्वीकार किया कि उनकी टीम दबाव में खुद को बिखरने से बचाने में नाकाम रही लेकिन उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्होंने टूर्नामेंट में मुकाबला किया उससे उन्हें टीम पर गर्व है।
 
उन्होंने कहा कि हर कोई नर्वस था और मुझे लगता है कि इसका परिणाम हमारी हार है। यह अनुभव और इन परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखने से जुड़ा है। लड़कियां इसके लिए पर्याप्त अनुभवी नहीं थीं लेकिन पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने जिस तरह से मुकाबला किया, वह दिल को खुश करने वाला था। 
 
मिताली ने कहा कि भारतीय टीम का भविष्य उज्ज्वल है। हमारी लड़कियां काफी प्रतिभाशाली हैं। यह केवल क्रीज पर धैर्य बनाए रखने से जुड़ा है। उन्हें इस बात से भी संतुष्टि है कि फाइनल आखिर तक रोमांचक बना रहा और यह 2005 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए फाइनल की तरह एकतरफा नहीं रहा।
 
वनडे में सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज बनी मिताली ने कहा कि यह 2005 (जब भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका के सेंचुरियन में 98 रन से हरा दिया था) की तरह नहीं था और आखिर तक गया। भारत एक समय मजबूत स्थिति में दिख रहा था, जब पूनम राउत (86) और हरमनप्रीत कौर (51) क्रीज पर थीं। इन दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 95 रन जोड़े लेकिन पहले हरमनप्रीत और बाद में राउत के आउट होने के बाद भारतीय पारी बिखर गई। 
 
मिताली ने कहा कि हमने आखिर में गड़बड़ कर दी। पूनम ने साहसिक पारी खेली। साझेदारी महत्वपूर्ण थी और उन दोनों ने वास्तव में पारी संवारी। निचले मध्यक्रम को भी योगदान देना चाहिए था। यह लंबे समय से हमारे लिए चिंता का विषय रहा है। बल्लेबाजी महत्वपूर्ण है और सभी को इस पर गौर करना होगा।
 
हार के बावजूद भारतीय टीम को चारों तरफ से काफी तारीफ मिली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर पूर्व क्रिकेटरों और अन्य खेलों के खिलाड़ियों ने भी टीम की जमकर तारीफ की।
 
मिताली ने कहा कि लोगों का रवैया बेहद सकारात्मक रहा। मुझे पूरा विश्वास है कि बीसीसीआई को टीम पर गर्व होगा। जब हम दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया (पूल चरण में) में हार गए थे तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि हम फाइनल तक पहुंचेंगे। यह टीम फाइनल में पहुंची और उसने मेजबान टीम को कड़ी टक्कर दी। 
 
भारतीय कप्तान ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया का टी-20 महिला बिग बैश लीग या महिलाओं के लिए आईपीएल क्रिकेटरों को इस तरह की परिस्थितियों से निबटने के लिए तैयार करने में मदद कर सकता है। डब्ल्यूबीबीएल से उसमें खेलने वाली 2 लड़कियों (स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत) को अनुभव मिला है। अगर अधिक लड़कियां इस तरह की लीग में खेलती हैं तो इससे उन्हें अनुभव और अपने खेल में सुधार करने में मदद मिलेगी। अगर आप मुझसे पूछो तो महिलाओं का भी आईपीएल होना चाहिए, क्योंकि अब आधार तैयार करने के लिए सही समय आ गया है। 
 
इंग्लैंड की कप्तान हीथर नाइट ने स्वीकार किया कि उनकी टीम ने काफी गलतियां कीं और खिताब उनके हाथ से लगभग निकल चुका था। ऐसा लग रहा था कि खिताब हमारे हाथ से निकल गया है। हमने मुकाबला किया। मुझे अपनी खिलाड़ियों पर गर्व है। हमने यही सोचा था कि आखिर तक हार नहीं माननी है और धैर्य बनाए रखना है और हमने ऐसा किया। नाइट ने कवर में वेदा कृष्णमूर्ति का आसान कैच छोड़ा जबकि जेनी गुन ने भी तब कैच टपकाया जबकि भारत को जीत के लिए 10 रन चाहिए थे।
 
नाइट ने कहा कि कोई कैच नहीं छोड़ना चाहता है। हमें पता था कि हमारे पास ऐसी स्थिति से निबटने के लिए अनुभव और गेंदबाज हैं। जब गनी ने कैच छोड़ा तो मुझे लगा कि विश्व कप हमारे हाथ से फिसल गया। हम तब हावी हो रहे थे और मुझे लगा कि हम जीत गए हैं और फिर हार गए हैं। (भाषा)
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