तेज गेंदबाज Mukesh Kumar मुकेश कुमार ने क्रिकेटर बनने तक के सफर में काफी चुनौतियों का सामना किया है और Westindies वेस्टइंडीज दौरे के लिये भारतीय टेस्ट और वनडे टीम में चुने जाने के बाद उनका कहा कि अब उनका सपना उनके सामने है।
बंगाल के तेज गेंदबाज ने वेस्टइंडीज के आगामी दौरे के लिए टेस्ट और वनडे टीम में चुने जाने के बाद कहा, कहते हैं ना कि अगर आप टेस्ट नहीं खेले तो क्या खेले। उन्होंने कहा, मेरा सपना अब मेरे सामने है। मैं हमेशा यहां होना चाहता था, भारत के लिए टेस्ट खेलना चाहता था। और मैं आखिर टीम में शामिल हो गया।
मुकेश कुमार बंगाल के लिए खेलते हैं और 30 वर्ष के तेज़ गेंदबाज़ को उनकी लाइन और लेंथ के लिए जाना जाता है। बंगाल की टीम जो पिछले तीन में से दो रणजी ट्रॉफ़ी फ़ाइनल खेली है उसमें मुकेश का अहम योगदान रहा है। वह टेस्ट रडार पर थे और पिछले दो सीज़न में हर भारत ए के दौरे की टीम में शामिल थे। उनक नाम 39 प्रथम श्रेणी मैचों में 149 विकेट हैं।
4 साल पहले हुआ था पिता का निधन
उनके पिता काशीनाथ सिंह उनके क्रिकेट खेलने के खिलाफ थे और वे चाहते थे कि वह सीआरपीएफ से जुड़े। 2019 में उनके पिता का निधन हो गया। मुकेश दो बार सीआरपीएफ की परीक्षा में विफल रहे और बिहार की अंडर-19 टीम का प्रतिनिधित्व करने के बाद उनका क्रिकेट करियर भी आगे नहीं बढ़ रहा था।
उन्होंने फिर बंगाल में खेप क्रिकेट खेलने का फैसला किया। वह टेनिस बॉल क्रिकेट में गैर मान्यता प्राप्त क्लबों का प्रतिनिधित्व करते जिसमें उन्हें प्रत्येक मैच में 500 रूपये से लेकर 5000 रूपये मिलते।
मुकेश कुमार जूझे कुपोषण से
मुकेश कुपोषण से जूझ रहे थे और उन्हें बोन एडीमा भी था जिसमें उनके घुटने में अत्यधिक पानी इकट्ठा हो जाता था जिससे वह मैच नहीं खेल पाते। पर बंगाल के पूर्व तेज गेंदबाज राणादेब बोस ने उनकी जिंदगी बदल दी।
बंगाल क्रिकेट संघ के विजन 2020 कार्यक्रम में बोस ने मुकेश की प्रतिभा देखी। हालांकि वह ट्रायल्स में विफल रहे लेकिन बोस ने तब के कैब सचिव सौरव गांगुली को मनाया।
Bengal Cricket Federation बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ने शुक्रवार को मुकेश कुमार को भारतीय टीम में चुने जाने के लिए बधाई दी।कैब अध्यक्ष स्नेहाशीष गांगुली ने कहा, कैब की ओर से मैं मुकेश को बधाई देता हूं और उन्हें शुभकामनायें देता हूं। वह पिछले दो सत्र में काफी निरंतर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मुझे भरोसा है कि अगर उसे अंतिम एकादश में खेलने का मौका मिलता है तो वह काफी अच्छा प्रदर्शन करेगा। बंगाल के इस तेज गेंदाबज ने 2022-23 रणजी सत्र में 22 विकेट झटके थे और रणजी फाइनल तक के सफर में अहम भूमिका अदा की थी।उन्होंने 38 प्रथम श्रेणी मैचों में 149 विकेट चटकाये हैं।
टेस्ट टीम :रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, रूतुराज गायकवाड़, विराट कोहली, यशस्वी जायसवाल, अजिंक्य रहाणे (उप कप्तान), केएस भरत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, अक्षर पटेल, मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार, जयदेव उनादकट, नवदीप सैनी।