माउंट मोनगानुई: युवा भारतीय टीम को रविवार को यहां दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में न्यूजीलैंड से कड़ी चुनौती का सामना करने की उम्मीद है जिसमें कप्तान हार्दिक पंड्या की निगाहें कुछ गेम टाइम हासिल करने पर लगी होंगी, पर भुवनेश्वर कुमार के सामने भी इस छोटे प्रारूप में बने रहने की कठिन चुनौती होगी।
वेलिंगटन में श्रृंखला का शुरूआती मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था और भारतीय खिलाड़ी यहां मैदान पर उतरने के लिये बेताब होंगे।
यह मैदान जिस जगह स्थित है, उसे बे ऑफ प्लेंटी कहा जाता है और जहां तक टी20 प्रारूप में रवैये का संबंध है तो भारतीय क्रिकेट में इस समय सोच विचारने के लिये काफी कुछ है। बे ओवल मैदान की बाउंड्री काफी बड़ी हैं और यह एक खुला मैदान है जो वेलिंगटन में नहीं था।
इस दौरे पर भारतीय टीम प्रबंधन को 33 वर्षीय भुवनेश्वर कुमार की मौजूदगी को लेकर चल रही दुविधा से निपटना पड़ सकता है। कुछ अनसुलझे सवाल हैं जिनका जितना जल्दी जवाब मिल जाये, भारतीय क्रिकेट के लिये उतना ही बेहतर होगा।
क्या 2024 में होने वाले टी20 विश्व कप में भुवी होंगे जबकि उनकी रफ्तार में गिरावट दिख रही है? क्या उनके पास अपने मुद्दों को सुलझाने के लिये इतना समय है क्योंकि वह बल्लेबाजी के मुफीद पिच पर अब इतने कारगर नहीं रहे हैं? अगले साल ज्यादा टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हैं और वह काफी हद तक एक प्रारूप के ही खिलाड़ी बन गये हैं तो इससे वह कहां पहुंचते हैं?
इस समय सभी जवाब नकारात्मक ही दिखते हैं इसलिये एक सवाल उठता है कि क्या सबसे सीनियर तेज गेंदबाज के तौर पर खिलाना युवाओं से मौका छीनने जैसा नहीं होगा।सवालों की यह तलवार अंतरिम मुख्य कोच वीवीएस और कप्तान हार्दिक पांड्या के सामने लटकी होगी।
इस रिकॉर्ड के खड़े हैं करीब
भुवनेश्वर अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि (एक कैलेंडर वर्ष में सबसे ज्यादा 40 विकेट चटकाने से महज चार विकेट दूर) के करीब खड़े हैं और ऐसे में उन्हें नहीं खिलाना उनका मनोबल गिराने वाला फैसला होगा।पर भुवी ने जो 36 विकेट हासिल किये हैं, वो सभी गेंदबाजों के लिये मददगार परिस्थितियों में मिले हैं और वो भी कमजोर प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ। और थोड़ी सी सपाट पिच या फिर बेहतरीन बल्लेबाजी आक्रमण के सामने भुवनेश्वर असफल रहे हैं।
लेकिन अगर उन्हें खिलाया जाता है तो टीम प्रबंधन उमरान मलिक और मोहम्मद सिराज की जोड़ी को परखने का मौका चूक जायेगा कि वे फिन एलेन, ग्लेन फिलिप्स और डेवोन कॉनवे जैसे मजबूत खिलाड़ियों के खिलाफ दबाव भरी परिस्थितियों में कैसा खेलते हैं।
भारत के सबसे तेज गेंदबाज उमरान को तैयार करने की आवश्यकता है। पाकिस्तान ने हारिस रऊफ, शाहीन शाह अफरीदी और नसीम शाह के साथ दिखा दिया है कि अत्यधिक तेज गति क्या कर सकती है।
जब ऋषभ पंत को टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के लिये टीम का उप कप्तान नियुक्त किया गया तो कहा गया था कि वह पारी का आगाज करेंगे लेकिन शुभमन गिल इस प्रारूप में अपने आत्मविश्वास से या फिर विशेषज्ञ ईशान किशन उनके साथ जोड़ी बनायेंगे, यह देखना होगा।एक अन्य विकल्प केकेआर कप्तान श्रेयस अय्यर और दीपक हुड्डा के बीच भी हो सकता है।
हुड्डा और श्रेयस दोनों को शामिल करने के लिये किशन को अंतिम एकादश से बाहर करना होगा। संजू सैमसन और कप्तान पंड्या सूर्यकुमार यादव के साथ दो बल्लेबाज हैं जो तेजी से रन जुटाने और फिनिशर की भूमिका भी निभायेंगे।
हाल के समय में ग्लेन फिलिप्स टी20 के सबसे रोमांचक बल्लेबाजों में से एक हैं और जब युजवेंद्र चहल को काफी समय बाद पहला मैच मिलेगा तो दोनों के बीच मुकाबला देखने लायक होगा। नियमित मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने पूरे टी20 विश्व कप में चहल को बेंच पर बिठाये रखा था।
फिलिप्स ने इसी मैदान पर वेस्टइंडीज के बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ अपने पिछले मैच में 51 गेंद में 108 रन बनाये थे।
रविचंद्रन अश्विन का टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर लगभग समाप्त हो गया है तो वाशिंगटन सुंदर को विशेषज्ञ ऑफ स्पिनर के तौर पर लंबे समय तक खेलने का मौका मिलेगा जबकि हर्षल पटेल को भी लय में वापसी के लिये समय मिलेगा। अर्शदीप सिंह का बायें हाथ के तेज गेंदबाज के रूप में अगले दो मैचों में खेलना निश्चित है।