पद्म श्री से सम्मानित होने के बाद रविचंद्रन अश्विन का बड़ा खुलासा, भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान इसलिए लिया था संन्यास

WD Sports Desk
बुधवार, 30 अप्रैल 2025 (17:05 IST)
भारत के पूर्व आफ स्पिनर आर अश्विन ने अपने सौवें टेस्ट के बाद संन्यास लेने का सोचा था लेकिन आस्ट्रेलिया दौरे के बीच में यह फैसला इसलिए लिया ताकि अंतिम एकादश में उनकी जगह को लेकर ‘पूरा सर्कल’ फिर से नहीं दोहराया जाए। चेन्नई सुपर किंग्स के नए पॉडकास्ट में अश्विन ने चेन्नई टीम के साथी खिलाड़ी माइक हस्सी से कहा कि उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट में टीम में जगह नहीं मिलने के बाद संन्यास का फैसला कर लिया था। उस मैच में अश्विन की जगह वॉशिंगटन सुंदर को खेलने का मौका मिला।
 
अश्विन ने एडीलेड में दूसरा टेस्ट खेला लेकिन गाबा पर तीसरे टेस्ट में उन्हें मौका नहीं दिया गया जिसके बाद उन्होंने संन्यास का ऐलान किया।
 
अश्विन ने कहा ,‘‘ ईमानदारी से कहूं तो मैं अपने सौवें टेस्ट (मार्च 2024 में धर्मशाला में) के बाद संन्यास लेना चाहता था। फिर मैने सोचा कि घरेलू सत्र में एक मौका और लेते हैं क्योंकि मैं अच्छा खेल रहा था, विकेट ले रहा था, रन बना रहा था।’’


 
उन्होंने कहा ,‘‘ मैने सोचा कि चेन्नई टेस्ट (बांग्लादेश के खिलाफ) के बाद संन्यास लूंगा लेकिन फिर मैने छह विकेट लिए और शतक बनाया। अच्छा प्रदर्शन करते हुए छोड़ना बहुत मुश्किल होता है।’’
 
अश्विन ने कहा ,‘‘ मैं फिर खेलता गया और फिर हम न्यूजीलैंड से हार गए। फिर मैने सोचा कि चलो आस्ट्रेलिया दौरे पर देखते हैं कि प्रदर्शन कैसा रहता है । पिछली बार आस्ट्रेलिया दौरे पर मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा था।’’
 
भारत के लिए 537 टेस्ट विकेट लेने वाले अश्विन ने कहा ,‘‘मैं खेल का मजा ले रहा था लेकिन इसके लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी मेहनत कर रहा था। सबसे अहम बात थी कि मैं परिवार के साथ समय बिताना चाहता था।’’

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PADMA SHRI AWARD FOR RAVI ASHWIN..!!!! 

- Ravichandran Ashwin honoured with Padma Shri Award from India's President Droupadi Murmu. 

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— Tanuj (@ImTanujSingh) April 28, 2025 >
उन्होंने कहा ,‘‘ फिर जब पर्थ टेस्ट में जगह नहीं मिली तो मैने सोचा कि यह पूरा सर्कल फिर नहीं दोहराना है। लोगों की नजर में आपके जज्बात की बहुत कम कीमत होती है। वे नहीं समझते कि आप किन भावनाओं से गुजर रहे हैं। मैं संन्यास के बारे में सोच ही रहा था और फिर मुझे लगा कि यह सही समय है।’’  (भाषा) 
 

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