सिडनी। नई जर्सी और कोरोना काल में नए माहौल के बीच भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया जैसे दिग्गज के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करेगी तो शुक्रवार को पहले एकदिवसीय क्रिकेट मैच में उसे अपने 'हिटमैन' रोहित शर्मा की कमी खलेगी।
चोटिल रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी से बल्लेबाजी क्रम पर असर जरूर पड़ेगा। विराट कोहली की टीम ने आखिरी बार अंतरराष्ट्रीय मैच मार्च की शुरुआत में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था। कोरोना महामारी के कारण लंबे समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रही टीम का सामना अब ऑस्ट्रेलिया जैसे धुरंधर से है जिसे उसकी धरती पर हराना कतई आसान नहीं होगा।
भारतीय टीम 1992 विश्व कप की नेवी ब्लू जर्सी में नजर आएगी। अंधविश्वासों को मानने वाले इसे अच्छा संकेत नहीं कहेंगे, क्योंकि उस टूर्नामेंट में भारत 9 टीमों में 7वें स्थान पर रहा था। वैसे क्रिकेट में अतीत का प्रदर्शन मायने नहीं रखता। ऑस्ट्रेलिया में फोकस इस पर रहेगा कि रोहित की अनुपस्थिति में टीम संयोजन सही कैसे बन पाता है? शिखर धवन के साथ मयंक अग्रवाल पारी का आगाज करेंगे या शुभमन गिल, मिशेल स्टार्क या पैट कमिंस की गेंदों को झेलना आसान नहीं रहेगा।
भारतीय बल्लेबाजों का सामना सर्वश्रेष्ठ तेज आक्रमण से होने जा रहा है जबकि ऑस्ट्रेलिया के पास एडम जाम्पा के रूप में कुशल स्पिनर भी हैं जिसने कई बार कोहली को परेशान किया है। लय में लौटे स्टीव स्मिथ, रन मशीन डेविड वॉर्नर और उभरते सितारे मार्नस लाबुशेन की मौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराने के लिए भारतीयों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।
भारतीय एकादश में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी दोनों शामिल हो सकते हैं या टीम प्रबंधन टेस्ट श्रृंखला को ध्यान में रखकर 1 मैच में 1 को ही उतार सकता है। ऐसे में शार्दुल ठाकुर और नवदीप सैनी को मौका दिया जा सकता है। केएल राहुल के लिए भी यह दौरा अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा।
उपकप्तान राहुल आईपीएल में शानदार फॉर्म में थे जिसे वे बरकरार रखना चाहेंगे लेकिन असल चुनौती विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी की जगह लेने की है, जहां उन्हें युजवेंद्र चहल की गुगली को भांपना होगा। खुद राहुल मानते हैं कि धोनी की जगह लेना तो किसी के लिए संभव नहीं है लेकिन 'रांची के उस राजकुमार' ने विकेटकीपिंग के इतने ऊंचे मानदंड कायम किए हैं कि उन पर खरे उतरना भी किसी के लिए आसान नहीं है। हार्दिक पंड्या 6ठे या 7वें नंबर पर आक्रामक बल्लेबाजी में माहिर हैं जिससे कोहली 2 स्पिनर लेकर उतर सकते हैं। 4थे नंबर पर श्रेयस अय्यर ने पिछले दौरे पर अच्छा प्रदर्शन किया था।
ऑस्ट्रेलियाई मध्यक्रम के लिए चहल चिंता का सबब होंगे, वहीं भुवनेश्वर कुमार जैसे डैथ ओवरों के विशेषज्ञ गेंदबाज की गैरमौजूदगी में बुमराह पर अतिरिक्त जिम्मेदारी रहेगी। 3 वनडे के बाद 3 टी-20 मैच खेले जाने हैं। टेस्ट श्रृंखला 17 दिसंबर से शुरू होगी।