जनरेशन एल्फा
साल 2012 के बाद जन्मे बच्चों को जनरेशन एल्फा का नाम दिया गया है। एक जनरेशन को आम तौर पर 15 से 20 साल तक के वक्त में बांटा जाता है। लेकिन सामाजिक बदलावों को भी ध्यान में रखा जाता है। मौजूदा तकनीकी बदलावों को देखते हुए माना जाता है कि 2025 तक पैदा होने वालों को एल्फा कहा जाएगा। इसके बाद शायद बीटा, फिर गामा और डेल्टा आएं। लेकिन उसमें अभी बहुत वक्त बाकी है।
जनरेशन जेड
1996 से 2012 के बीच पैदा होने वालों को जनरेशन जेड कहा जाता है। इंटरनेट के दौर में आई इस पीढ़ी को आई-जनरेशन, जेन टेक, नेट जेन, डिजिटल नेटिव और पोस्ट मिलेनियल भी कहा जाता है। इस दौरान कंप्यूटर जगत में बहुत तेजी से बदलाव देखे गए। साल 2010 में आईपैड के लॉन्च के बाद से डिजिटल दुनिया में एक नई क्रांति आई और अगली पीढ़ी के नाम पर चर्चा शुरू हो गई।
जनरेशन वाय
1980 से 1995 के बीच जन्मे लोग जनरेशन वाय कहलाते हैं। इन्हें मिलेनियल जनरेशन भी कहा जाता है क्योंकि ये मिलेनियम यानि सहस्राब्दी के आखिरी सालों में दुनिया में आए। हालांकि उस जमाने में दुनिया आज की तरह इतनी जुड़ी हुई नहीं थी और हर कोने में अलग अलग सामाजिक बदलाव हो रहे थे, इसलिए कई बार 1977 से 1999 तक पैदा हुए लोगों को भी इसी पीढ़ी का माना जाता है।
जनरेशन एक्स
1965 से 1980 के बीच जन्मे लोग जनरेशन एक्स कहलाते हैं। इन्हें एमटीवी जनरेशन भी कहा जाता है, हालांकि एमटीवी की शुरुआत 1981 में हुई थी। लेकिन अमेरिका में इस पीढ़ी ने म्यूजिक वीडियो की शुरुआत को देखा था। यहीं से हिप हॉप और रैप की भी शुरुआत हुई। डिजिटल क्रांति से पहले मुख्य रूप से अमेरिका और पश्चिमी यूरोप में हो रहे बदलावों के हिसाब से इन पीढ़ियों को बांटा गया था।