लोहड़ी गीत में रेवड़ी की मिठास और पंजाब का रंग दिखाई पड़ता है। लोहड़ी पर्व की संध्या पर लकड़ियां एकत्रित करके जलाई जाती हैं तथा तिल से अग्नि का पारंपरिक पूजन किया जाता है। इस त्योहार के बच्चों-युवाओं की टोलियां घर-घर से लकड़ियां मांग कर इकट्ठा करती है तथा लोहड़ी के गीत (Lohri ke Geet) गाते हुए लोहड़ी मांगते हैं। यहां पढ़ें पारंपरिक गीत-
- 'दे माई लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी',
- 'दे माई पाथी तेरा पुत्त चड़ेगा हाथी'
रात में अग्नि में तिल डालते हुए-
'ईशर आए दलिदर जाए, दलिदर दी जड चूल्हे पाए'