सर्वाधिक मतदान की बात हो या फिर सबसे लंबे चुनाव की, इस चुनाव में कई कीर्तिमान रचे गए। इस चुनाव के परिणाम भी चौंकाने वाले रहे। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 336 सीटों के साथ सत्ता में आया, जबकि भाजपा 282 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी।
देश के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका था जब कोई गैर कांग्रेसी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनी भाजपा नीत एनडीए सरकार में भाजपा ने स्पष्ट बहुमत मिलने के बावजूद अपने सहयोगियों को सत्ता में भागीदार बनाया। इस चुनाव में भाजपा को करीब 31.प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि एनहीए को 38.5 फीसदी।
देश की सबसे पुरानी और सर्वाधिक समय तक सत्ता में रही कांग्रेस के पार्टी के लिए यह चुनाव 'बुरे सपने' की तरह रहा। कांग्रेस को सिर्फ 44 सीटें मिलीं और कांग्रेस नीत यूपीए मात्र 59 सीटों पर सिमट गया। कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने की पात्रता भी हासिल नहीं कर पाई। इसके लिए कम से कम 54 सीटों (कुल सीटों का 10 प्रतिशत) की दरकार होती है।
चुनाव खर्च की सीमा बढ़ी : 16वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में चुनाव खर्च की सीमा भी बढ़ाई गई। बढ़े राज्यों में यह सीमा 40 लाख से बढ़ाकर 70 लाख रुपए की गई, जबकि छोटे राज्यों में इसे 54 लाख रुपए कर दिया गया।(photo : Twitter)