लोकसभा चुनाव 2019 : 40 दिनों तक सांसत में रहेगी भावी सांसदों की जान

रविवार, 14 अप्रैल 2019 (12:24 IST)
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान संपन्न होने के बाद स्ट्रांग रूम में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की सुरक्षा प्रशासन के लिए जहां एक चुनौती है, वहीं आगामी करीब 40 दिनों तक भावी सांसदों की जान भी एक तरह से सांसत में ही रहेगी।
 
लोकसभा चुनाव के लिए हालांकि अभी 6 चरणों में मतदान होंगे। इसके अलावा 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव भी होने जा रहे हैं तथा यहां मतदान संबंधित राज्यों में लोकसभा चुनाव की चरणबद्ध तिथियों में होंगे। सभी चुनावों की मतगणना आगामी 23 मई को एकसाथ होगी। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए शेष चरणों में मतदान संपन्न होने के साथ ही स्ट्रांग रूम में ईवीएम की सुरक्षा की चुनौतियां बढ़ती जाएंगी।
 
बहरहाल, पहले चरण का चुनाव संपन्न होने के बाद ईवीएम को स्ट्रांग रूम में पहुंचाया जा चुका है। प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ ही क्षेत्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों के अलावा निर्दलीय समेत 1,279 उम्मीदवारों का नसीब ईवीएम में बंद हो चुका है और यह अब 23 मई को खुलेगा।
 
17वीं लोकसभा के आम चुनाव के पहले चरण में 18 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की 91 सीटों पर 1,279 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई है। इन उम्मीदवारों में नितिन गडकरी, वीके सिंह, हरीश रावत, चिराग पासवान, अजीत सिंह, जयंत चौधरी, असदुद्दीन ओवैसी, रमेश पोखरियाल निशंक और जीतनराम मांझी जैसे नेता शामिल हैं।
 
संबंधित जिलों में स्ट्रांग रूम त्रिस्तरीय सुरक्षा के साये में हैं। ईवीएम की सुरक्षा के लिए पुलिस, पीएसी और पैरामिलिट्री बल तैनात है। स्ट्रांग रूम की चौबीसों घंटे सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है और सुरक्षा व्यवस्था इतनी तगड़ी है कि जैसे परिंदा भी यहां पर नहीं मार सकता।
 
स्ट्रांग रूम के बाहर एलईडी स्क्रीन भी संस्थापित किए गए हैं जिसके जरिए वहां मौजूद राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता स्ट्रांग रूम के भीतर ईवीएम पर ध्यान रख रहे हैं। इस मौके पर निर्बाध बिजली आपूर्ति की उपलब्धता कम चुनौतीपूर्ण नहीं है, क्योंकि बिजली गुल होने और जनरेटर की व्यवस्था न होने की स्थिति में एलईडी स्क्रीन बंद हो सकती है। पूर्व के चुनावों के दौरान तकनीकी कारणों से ऐसी स्थिति निर्मित होने पर लापरवाही अथवा ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें भी सामने आती रही हैं।
 
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 18 अप्रैल को 13 राज्यों की 97, तीसरे चरण में 23 अप्रैल को 14 राज्यों की 115, चौथे चरण में 29 अप्रैल को 9 राज्यों की 71, 5वें चरण में 6 मई को 7 राज्यों की 51, 6ठे चरण में 12 मई को 7 राज्यों की 59 और 7वें एवं अंतिम चरण में 19 मई को 8 राज्यों की 59 सीटों के लिए मतदान होगा।
 
लोकसभा की 543 सीटों के लिए चुनाव में 10,35,928 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां करीब 90 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार के जरिए देश का नेतृत्व तय करेंगे। (वार्ता)

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