प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज पर सख्त आलोचनात्मक टिप्पणी करते हुए पत्रिका ने नेहरू के समाजवाद और भारत की मौजूदा सामाजिक परिस्थिति की तुलना की है। आतिश तासीर द्वारा लिखे गए इस आलेख में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी ने हिन्दू और मुसलमानों के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ाने के लिए कोई इच्छा नहीं जताई।
टाइम के मुताबिक मोदी इस मायने में खुशनशीब हैं कि उनके खिलाफ कमजोर विपक्ष है। कांग्रेस की अगुवाई में और उसके साथ साथ एक ऐसा विपक्ष है जिसका कोई एजेंडा नहीं है वो सिर्फ पीएम मोदी को हराना चाहता है। इन सबके बीच पीएम मोदी को ये पता है कि 2014 में किए गए वायदों को पूरी तरह जमीन पर उतारने में नाकाम रहे लिहाजा वो उन मुद्दों या उन चेहरों को उजागर कर रहे हैं जो कहीं न कहीं अपने वादों को निभा पाने में नाकाम रहे थे। यही वजह है कि वो अपने आशियाने में बैठकर ट्वीट कर ये बताते हैं कि वो क्यों वंशवाद और सल्तनत जैसी परंपरा के खिलाफ हैं।