2G spectrum : कांग्रेस ने 2जी स्पेक्ट्रम के मामले के फैसले में संशोधन की मांग करते हुए केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट का रुख किए जाने को लेकर शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा के पाखंड की कोई सीमा नहीं है। उसने संप्रग के तहत 2जी स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन को घोटाला बताया था और अब नरेन्द्र मोदी सरकार बिना नीलामी के स्पेक्ट्रम देने की अनुमति मांग रही है।
केंद्र ने 12 साल से अधिक समय बाद गत सोमवार को 2जी स्पेक्ट्रम मामले से जुड़े फैसले में संशोधन का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। हालांकि, एक शीर्ष सूत्र ने बाद में कहा कि सरकार 2012 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने की कोशिश नहीं कर रही है।
न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि देश के प्राकृतिक संसाधनों को स्थानांतरित करते समय सरकार नीलामी का मार्ग अपनाने के लिए बाध्य है। इसने 2 फरवरी 2012 के अपने फैसले में जनवरी 2008 में दूरसंचार मंत्री के रूप में ए. राजा के कार्यकाल के दौरान विभिन्न कंपनियों को दिए गए 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द कर दिए थे।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, मोदी सरकार और भ्रष्ट जनता पार्टी के पाखंड की कोई सीमा नहीं है। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान, उसकी तरफ से यही रोना रोया जाता था कि 2जी स्पेक्ट्रम का आवंटन एक घोटाला है।
रमेश ने दावा किया कि बेशक, यह मोदी शासन पहले से ही सार्वजनिक संसाधनों को प्रधानमंत्री के पूंजीपति मित्रों को सौंप रहा है, हवाई अड्डों को एक कंपनी को सौंप दिया गया है, कोयला खदानों को फर्जी नीलामी में दे दिया गया है, और यहां तक कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम भी सौंप दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 4 जून को भारत के मतदाता इस संगठित लूट वाली पार्टी को बाहर का रास्ता दिखा देंगे। लोकसभा चुनाव की मतगणना 4 जून को होगी। (इनपुट: भाषा)