गांधीनगर लोकसभा चुनाव 2019 परिणाम

मंगलवार, 21 मई 2019 (22:15 IST)
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प्रमुख प्रतिद्वंद्वी : अमित शाह (भाजपा), डॉ. सीजे चावड़ा (कांग्रेस)
गांधीनगर की इस हाईप्रोफाइल सीट पर इस बार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपनी किस्‍मत आजमा रहे हैं, इससे पहले अब तक वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी यहां से लड़ते और जीतते आए हैं, लेकिन इस बार मुकाबला रोचक हो सकता है। लोकसभा चुनाव 2014 में लालकृष्‍ण आडवाणी ने कांग्रेस के ईश्वरभाई पटेल को पराजित कर जीत हासिल की थी।
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परिचय : गांधीनगर को चंडीगढ़ के बाद भारत का दूसरा नियोजित शहर माना जाता है। साबरमती नदी के तट पर स्थित गुजरात की राजधानी गांधीनगर का नाम गांधीजी के नाम पर रखा गया है। इस शहर को हरित नगर या ग्रीन सिटी भी कहा जाता है। 1996 में इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी सांसद रह चुके हैं। 1989 में वरिष्ठ नेता शंकरसिंह वाघेला ने भी इस सीट से संसद में प्रतिनिधित्व किया।   
 
जनसंख्‍या : लोकसभा चुनाव 2014 के मुता‍बिक, गांधीनगर की कुल आबादी 19 लाख 33 हजार 986 है।
 
अर्थव्यवस्था : गांधीनगर एशिया का सबसे बड़ा होलसेल कपड़ा मार्केट है। इसे गुजरात और पश्चिमी भारत का वाणिज्यिक हृदय कहा जाता है। 30 क्षेत्रों में बंटे इस शहर के हर क्षेत्र में खरीदारी केंद्र की व्यवस्था है।
 
भौगोलिक स्थिति : गांधीनगर अहमदाबाद शहर से 35 किलोमीटर पूर्वोत्तर में साबरमती नदी के दाएं तट पर स्थित है। यह 649 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
 
16वीं लोकसभा में स्थिति : गांधीनगर लोकसभा सीट गुजरात की सबसे अहम और वीआईपी सीटों में से एक है। भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी यहां सांसद हैं। आडवाणी ने लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस के ईश्वरभाई पटेल को पराजित किया था। आडवाणी लोकसभा चुनाव 1998 से लगातार इस सीट पर अपनी जीत बरकरार रखे हुए हैं।
 
गुजरात के बारे में : गुजरात की 26 सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है। वर्तमान में यहां भाजपा की सरकार है। पिछले चुनाव में भाजपा सभी लोकसभा सीटें जीतने में सफल रही थी, जबकि कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई। बसपा ने भी यहां से उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन यह कवायद महज उपस्थिति दर्ज कराने के लिए है। यहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस के भारत सिंह सोलंकी जैसे नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। चूंकि नरेंद्र मोदी भी गुजरात से ही आते हैं, अत: यहां उनके लिए एक बार फिर 2014 जैसा प्रदर्शन दोहराने का दबाव रहेगा।

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