चुनाव आयोग इस बात को लेकर काफी गंभीर है कि सही मतदान केन्द्र की जानकारी के अभाव में लगभग 30 प्रतिशत मतदाता दो-चार बूथ भटकने के बाद वोट डाले बगैर घर लौट जाते हैं। मतदाताओं को इस परेशानी से बचाने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने ऐसे उपाय किए गए हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सभी मतदाताओं को महत्वपूर्ण जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके। इसी तारतम्य में एक अनूठी एसएमएस सेवा आरंभ की गई है जिस पर विधानसभा क्षेत्र, मतदान केन्द्र संख्या, मतदाता सूची में मतदाता का क्रमांक तथा मतदान केन्द्र की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
इस सुविधा के लिए मतदाताओं को केवल इतना करना होगा कि वे अपने वोटर आयडी कार्ड का नंबर लिखकर 554466 पर एसएमएस करें और अपने मतदान क्रमांक, मतदान केन्द्र संख्या तथा उसका पता पलक झपकते ही प्राप्त करें। लेकिन यह सुविधा सिर्फ बीएसएनएल उपभोक्ता को ही मिल सकेगी। इस बार पहली मर्तबा मतदान केन्द्रों के आसपास मतदाता सहायता केन्द्र भी स्थापित किए जाएँगे। निर्वाचन आयोग को विश्वास है कि यह उपाय कारगर साबित होंगे और मतदाताओं को अपना वोट डालने के लिए जगह-जगह नहीं भटकना पड़ेगा।
कौन डाल सकता है वोट? : जिस वर्ष मतदाता सूची तैयार की गई हो उस वर्ष की पहली जनवरी को 18 वर्ष की आयु वाला प्रत्येक भारतीय नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग कर वोट डाल सकता है। मतदाता सूची में शामिल मतदाता केवल उसी निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान कर सकता है जिसमें वह सामान्यतः निवास करता है। केवल ऐसे लोग जो मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं या ऐसे लोग जिन्हें सक्षम न्यायालय ने चुनाव के दौरान भ्रष्ट तरीके अपनाने या अपराध करने पर अयोग्य घोषित किया हो, वोट नहीं डाल सकते हैं।
क्यों डालें वोट? : भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। प्रत्येक लोकतंत्र में पात्र नागरिक को वोट डालने का अधिकार होता है तथा यह उसका राष्ट्रीय कर्तव्य है कि वह अपने मताधिकार का प्रयोग करे। हम लोगों के पास अपने मताधिकार के प्रयोग करने के अधिकार ने वह शक्ति प्रदान की है जिसके माध्यम से हम अपने उन प्रतिनिधियों को चुनकर अपने देश का भविष्य सँवारते हैं जो देश के सभी नागरिकों के विकास, उन्नति तथा लाभ के लिए निर्णय लेते हैं। दरअसल हमारी लोकसभा या विधानसभा में बैठे हमारे प्रतिनिधि राष्ट्र निर्माण का निर्णय नहीं लेते हैं, यह मतदाता ही होता है जो अपने मताधिकार का उपयोग कर अपने देश का भविष्य निर्धारित करता है।
क्या होता है मतदान केन्द्र? : प्रति मतदान केन्द्र में अधिकतम 1200 मतदाता होते हैं। इन मतदान केन्द्रों की स्थापना कुछ इस तरह से की जाती है कि किसी भी मतदाता को मतदान केन्द्र तक पहुँचने के लिए सामान्यतः दो किलोमीटर से अधिक दूर न जाना पड़े। सामान्यतः मतदाता सूची का एक हिस्सा एक मतदान केन्द्र से संबंधित होता है। मताधिकार के उपयोग के लिए जरूरी शर्त यह है कि आपका नाम मतदाता सूची में दर्ज होना चाहिए।
फोटो मतदाता परिचय पत्र मतदान की गारंटी नहीं है? : भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान के समय मतदाता की पहचान अनिवार्य कर दी है। मतदाता को निर्वाचन आयोग द्वारा जारी फोटो मतदाता परिचय पत्र इपीआयसी अथवा निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित अन्य किसी दस्तावेजी साक्ष्य के माध्यम से अपनी पहचान स्थापित करनी होगी। कुछ लोगों का सवाल होता है कि यदि उनके पास फोटो मतदाता परिचय पत्र है, तो क्या केवल इसके रखने से वे मतदान करने के अधिकारी बन जाते हैं?
ऐसे लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि केवल इपीआयसी रखने मात्र से ही उन्हें मतदान का अधिकार हासिल नहीं हो जाता। क्योंकि मतदान के लिए सबसे आवश्यक शर्त यह है कि मतदाता का नाम संबंधित क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज हो। एक बार जब आप यह पता लगा लें कि आपका नाम मतदाता सूची में दर्ज है तथा आपके पास निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित पहचान दस्तावेज उपलब्ध है तो निश्चिंत हो जाइए। क्योंकि तब आप बेहिचक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। (नईदुनिया)