भोपाल। 13 साल बाद लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिल गया है। अंतरराष्ट्रीय टाइगर डे पर केंद्र सरकार ने ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन 2018 की जो रिपोर्ट जारी की है उसके मुताबिक मध्यप्रदेश में इस समय टाइगरों की संख्या 526 है।
रिपोर्ट के मुताबिक देश में इस समय बाघों की कुल संख्या 2967 है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 12 वर्षों में देश में बाघों की संख्या दोगुना इजाफा हुआ है।
2006 में देश में बाघों की संख्या 1411 जो पिछले बारह सालों में बढ़कर अब 2967 पहुंच गई है। मध्यप्रदेश में 526 टाइगरों की संख्या के साथ रिपोर्ट में पहले नंबर पर आने वाला राज्य बन गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक में 524, उत्तराखंड में 442, महाराष्ट्र में 312 और तमिलनाडु में 264 बाघों के साथ देश के शीर्ष 5 राज्यों में है। मध्यप्रदेश ने कर्नाटक को पछाड़कर फिर से टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल किया है।
मध्यप्रदेश में फिर से टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी लोगों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने सभी राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन अमले के साथ बाघ संरक्षण से जुड़ी सभी संस्थाओं और विशेषज्ञों को भी बधाई दी है।
भोपाल में टाइगरों पर लगी एक प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार और प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में दूसरे राज्यों से ज्यादा डायवर्सिटी है और टाइगर मध्यप्रदेश की शान है।
प्रदेश को फिर से टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने पर वन्य प्राणी विशेषज्ञ अजय शंकर दुबे ने कहा कि प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने से जिम्मेदारी बढ़ गई है।
13 साल बाद एक बार फिर टाइगर स्टेट को जो दर्जा मिला है उसको आगे बनाए रखने के लिए अब बढ़े हुए बाघों की सुरक्षा और व्यवस्था पर और अधिक फोकस करना होगा। वे कहते हैं कि रातापानी सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनाने के सरकार के फैसले से अब बाघों को और अधिक इलाका मिल सकेगा।