इंदौर। Indore Temple Accident : इंदौर के पटेल नगर में स्थित बेलेश्वर मंदिर की बावड़ी धंसने की घटना में अब तक 36 लोगों की मौत हो गई। बचाव कार्य में सेना और NDRF की टीम जुटी हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सुबह इंदौर के एपल हॉस्पिटल पहुंचे और घायलों से मुलाकात की। उनके साथ में मंत्री नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ भी थे।
थलसेना और एनडीआरएफ के संयुक्त दल को एक क्रेन और ट्रॉली की मदद से बावड़ी में नीचे उतारा गया जिसने शवों को बाहर निकाला। बावड़ी में गाद बेहद ज्यादा है और गाद हटाकर लापता व्यक्ति की तलाश की जा रही है।
कलेक्टर इलैया राजा ने बताया कि पानी निकालने की प्रक्रिया की जा रही है। मुख्यमंत्री लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। सेना, एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में लगी हुई है। खबरों के मुताबिक मंदिर में हवन चल रहा था। इसकी वजह से लोग छज्जे पर बैठे थे। इस दौरान ऊपर की जमीन धंस गई और यह हादसा हो गया।
कलेक्टर डॉ. टी. इलैया राजा टी. ने कहा कि गुरुवार दोपहर से शुरू हुआ बचाव अभियान जारी है और बावड़ी का पानी खाली कर लापता लोगों की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि बचाव कार्य के लिए नजदीकी सैन्य छावनी, महू से थलसेना का एक दल बुलवाया गया है।
जिलाधिकारी के मुताबिक राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की मदद से चलाए गए बचाव अभियान के तहत करीब 20 लोगों को बावड़ी से बाहर निकालकर बचाया गया।
जांच के आदेश : कलेक्टर ने बताया कि मंदिर में हुए हादसे की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ऐसे सार्वजनिक स्थानों को चिह्नित करेगा, जहां इस तरह के हादसे होने की आशंका है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इंदौर में हुई दुर्घटना में नागरिकों के हताहत होने का समाचार अत्यंत दुःखद और हृदय विदारक है। उन्होंने कहा कि दु:ख की इस घड़ी में हम सब शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए तथा घायलों को 50-50 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था की जा चुकी है। चिकित्सा का संपूर्ण व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी।
अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के संकरी जगह में बने होने के कारण बचाव कार्य में बाधा आई और इस दौरान मंदिर की एक दीवार तोड़ कर पाइप इसके भीतर डाली गई और बावड़ी का पानी मोटर से खींचकर बाहर निकाला गया।
कैसे हुआ हादसा : एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर में पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी और छत ज्यादा लोगों का बोझ नहीं सहन कर सकी। स्थानीय निवासियों ने बताया कि मंदिर पुरातन बावड़ी पर छत डालकर बनाया गया था। हादसे के बाद मंदिर के आस-पास उन चिंतित लोगों की भीड़ जुट गई जिनके परिजन हादसे के वक्त मंदिर में मौजूद थे।
पटेल नगर रहवासी संघ के अध्यक्ष कांतिभाई पटेल ने इस बात पर नाराजगी जताई कि हादसे की सूचना दिए जाने के बाद भी एक घंटे तक मौके पर एम्बुलेंस नहीं पहुंची थी।
Edited by : Nrapendra Gupta