शनिवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल स्थित ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी 6 दिसंबर से चल रही है। अब तक उनके पास से 210 करोड़ रुपये कैश मिल चुके हैं, जो अब तक इस तरह के छापों में बरामद हुई सबसे बड़ी नकद राशि है। नोटों के बंडल अभी भी इतनी बड़ी तादाद में मिल रहे हैं कि उनकी गिनती के लिए कई मशीनें मंगानी पड़ी है। कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन के नेता जिस तरह से देश की अर्थव्यवस्था, गरीबों की कमाई और नागरिकों के अधिकारों को दीमक की तरह खा रहे हैं, उससे एक बार फिर ये साबित हो गया है कि कांग्रेस भ्रष्टाचार की गारंटी है और कांग्रेस का हाथ भ्रष्टाचारियों के साथ है।
वहीं वीडी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अगर भ्रष्टाचार की गारंटी है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश से भ्रष्टाचारियों के खात्मे की गारंटी हैं। इन भ्रष्टाचारियों से जनता की कमाई की पाई-पाई तो वसूल की जाएगी साथ ही इन्हें जेल भी जाना पड़ेगा।
भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि धीरज साहू को चतरा से दो बार लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस पार्टी ने झारखंड से राज्यसभा से सांसद बनाया। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी धीरज साहू उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चला। राहुल गांधी उसके गले में हाथ डालकर घूमते थे। क्या यही राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान थी, जिस पर भ्रष्टाचार का कारोबार चल रहा था? धीरज साहू के ठिकानों से 210 करोड़ से अधिक की नकदी मिलने के बावजूद कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने चुप्पी साध रखी है। उन्होंने कहा कि देश की जनता यह जानना चाहती है कि धीरज साहू के पास इतना कैश कहां से आया कांग्रेस की सरकारें एक परिवार की एटीएम हुआ करती हैं। ऐसे में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को यह स्पष्ट करना चाहिए कि गांधी खानदान में से धीरज साहू किस का एटीएम था?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, करप्शन और कैश एक दूसरे के पर्यायवाची बन गए हैं। मध्य प्रदेश के अंदर मिस्टर बंटाधार दिग्विजय सिंह के बारे में कांग्रेस सरकार के एक मंत्री ने ही यह कहा था कि दिग्विजय सिंह सबसे बड़े शराब माफिया, सबसे बड़े रेत माफिया और सबसे बड़े भ्रष्टाचारी हैं। वहीं, कमलनाथ को तो करप्शन नाथ ही कहा जाने लगा है। उन्होंने वल्लभ भवन को दलाली का अड्डा बना दिया था। धीरज साहू के मामले ने ये साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार ही कांग्रेस का मूल चरित्र है। कांग्रेस के प्रतिनिधि जहां भी रहेंगे, वो भ्रष्टाचार ही करेंगे। कांग्रेस पार्टी तो गांधी करप्शन सेंटर बनकर रह गई है, क्योंकि सभी को भ्रष्टाचार की ट्रेनिंग इनके द्वारा ही दी जा रही है।