जब तक हम नहीं बदलेंगे तब तक कुछ नहीं होगा और हम तब तक तक नहीं बदलेंगे, जब तक ज़बर्दस्त सजा नहीं मिलेगी, चालान नहीं बनेगा और चालान तब तक नहीं बनेगा, जब तक ऊपर से आदेश नहीं आते...
अभी तो सिर्फ़ ग़ुस्सा निकलेगा... सोशल मीडिया पे, कुछ लोग सस्पैंड होंगे, कुछ और नए नियम बनेंगे (तोड़ने के लिए)... मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि बच्चों की शवयात्रा में भी लोग यातायात के नियम तोड़ के गए होंगे...इंदौर एक्सिडेंट के बाद मैंने अपने ख़ुद के पिछले डेढ़ महीने की इंदौर ट्रिप को मन में रिव्यू किया...
1. बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चलाना
2. दो पहिया वाहन पे तीन लोगों को बैठाना
3. लाल बत्ती पे रोड क्रॉस करना
4. बिना सीटबेल्ट के कार चलाना
5. रांग साइड से गाड़ी निकाल लेना (एबी रोड़, बायपास आदि जगह).....इतनी दूर जा के यू-टर्न कौन मारेगा
६. डिवाइडर के दूसरी साइड (रांग साइड) से चौराहा क्रॉस करना....क्योंकि वो साइड ख़ाली थी
मैं अमेरिका में ये कुछ भी नहीं करता क्योंकि चालान 200 से 500 डॉलर (भारतीय रुपयों में 13,000 से 32,000) का बनता है। 27 सालों में मेरे केवल चार चालान बने हैं और ये चारों बहुत अच्छे से याद हैं क्योंकि चपत बहुत बड़ी वाली पड़ी थी। यहां मैं रात के दो बजे भी सुनसान चौराहे पे 'स्टॉप' साइन पर रूकता हूं...क्योंकि यातायात पुलिस कार 24 घंटे निगरानी पर पूरे शहर में घूमती रहती है और कभी तो दबोच ही लेती है।