होशंगाबाद में 24 घंटे में 13 इंच से अधिक बारिश से 'जलप्रलय',सेना और एयरफोर्स का ऑपरेशन शुरु

विकास सिंह
रविवार, 30 अगस्त 2020 (10:18 IST)
मध्य प्रदेश में लगातार जारी भारी बारिश से कई जिले भीषण बाढ़ की चपेट में‌‌ आ‌ ‌गए है। प्रदेश के 12 जिलों के 481 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं‌‌ और‌ इन गांवों‌‌ में फंसे‌ लोगों को निकालने के लिए बड़े पैमाने पर सेना की‌ मदद से‌ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। प्रदेश में भीषण बाढ़ के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर पूरी स्थिति की जानकारी दी है।                
 
सेना और एयरफोर्स का ऑपरेशन शुरु - प्रदेश के होशंगाबाद, सीहोर,रायसेन और बालाघाट में एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर‌ बाढ़ में फंसे लोगों का रेस्क्यू कर रहे हैं। ‌‌‌बालाघाट के कुल्मी गांव में‌ बाढ़ में फंसे 3 लोगों को एअरलिफ्ट कर लिया है वहीं एक की तलाश जारी है।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने एयरफोर्स से 5 हेलीकॉप्टर मांगे थे जिसमें से तीन आ चुके हैं और दो और ही जल्दी आने वाले हैं। सीहोर जिले के नरेला में पेड़ पर फंसे 5 लोगों को रात 2:30 बजे सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। वायुसेना के हेलीकॉप्टर रायसेन के भाटी गांव में, सीहोर जिले के सीमलवाडा में फंसे हुए लोगों को निकालने में जुट गए हैं। इसके साथ‌ आर्मी की 2 कॉलम बरेली और बाड़ी भेजे जा रहे हैं जो वहां पर लोगों को सुरक्षित निकालने में मदद करेंगे।
 
   
होशंगाबाद में 24 घंटे में 13 इंच बारिश - बीते 24 घंटे में होशंगाबाद में रिकॉर्ड 13 इंच से अधिक बारिश के बाद 1999 के बाद सबसे भीषण बाढ़ नर्मदा नदी में आ गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि रात भर चले ऑपरेशन के बाद 8000 से अधिक लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। मध्य प्रदेश में लगातार जारी भारी बारिश से कई जिले भीषण बाढ़ की चपेट में‌‌ आ‌ ‌गए  है। 

मुख्यमंत्री की लोगों से अपील - मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वह पानी से घिरे स्थानों पर रहने की जिद न करते हुए प्रशासन जब निकलने का कहे तो सावधानी रखते हुए तुरंत अन्य स्थान पर या राहत शिविर में शिफ्ट होने में सहयोग करें।
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कच्चे मकानों में रहने वालों को मकान खाली करने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री  ने बताया कि कटनी,शाजापुर और देवास में ऐसी घटनाओं से प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता दी गई है। ऐसे कच्चे मकान जो खतरनाक सिद्ध हो सकते हैं और भारी बारिश नहीं सह पाते उन्हें खाली किया जाना ही उचित है। प्रशासन ऐसी घटनाओं पर तत्काल राहत की कार्यवाही भी कर रहा है। मुख्यमंत्री ने स्वैच्छिक संगठनों से भी आग्रह किया है कि सहयोग का हाथ बढ़ाएं। बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन वस्त्र और अन्य सहायता प्रदान करने में सहयोग करें।

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