भोपाल। नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट के ताजा आंकड़ों ने एक बार फिर शिवराज सरकार और राज्य की कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में औसतन हर तीन घंटे में एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में मध्यप्रदेश में बच्चियों के साथ रेप के 3515 मामले दर्ज हुए। जबिक देश में यह आंकड़ा 33036 है।
वहीं आदिवासी वर्ग और दलितों के खिलाफ अत्याचार में भी मध्य प्रदेश एक बार फिर देश में शीर्ष पर है। साल 2020 की तुलना में 2021 में एमपी में एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ अपराधों में 9.38 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। 2021 में मध्यप्रदेश में कुल 475918 अपराध दर्ज हुए है, जबकि 2020 में प्रदेश में 428046 अपराध दर्ज हुए थे। इस तरह प्रदेश में 42 हजार से अधिक अपराध एक साल में बढ़े हैं। प्रदेश में वर्ष 2021 में 2034 लोगों की हत्या हुई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि एनसीआरबी की ताज़ा रिपोर्ट ने एक बार फिर शिवराज सरकार के तमाम दावों व सुशासन की पोल खोल कर रख दी है। मध्य प्रदेश जो मासूम बच्चियों से दुष्कर्म में वर्षों से देश में अव्वल है,उस पर लगा यह दाग अभी भी बरकरार है। एनसीआरबी की ताज़ा रिपोर्ट ने एक बार फिर शिवराज सरकार के तमाम दावों व सुशासन की पोल खोल कर रख दी है। मध्य प्रदेश जो मासूम बच्चियों से दुष्कर्म में वर्षों से देश में अव्वल है , उस पर लगा यह दाग अभी भी बरकरार है। वही इस रिपोर्ट के मुताबिक़ आदिवासी वर्ग और दलितों के खिलाफ अत्याचार में भी मध्यप्रदेश एक बार फिर देश में शीर्ष पर आया है।वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ मामलों में 9.38% की बढ़ोतरी हुई है।
वहीं NCRB के आंकड़ों को मध्यप्रदेश पुलिस ने अपनी सफाई दी है। महिला अपराध शाखा की ADG प्रज्ञा श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में नाबालिग बच्चियों से रेप के 3512 मामलों मे से 2499 संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि कुल मामलों मे से 2200 रेप के मामले परिजनों ने दर्ज कराए है। वहीं 2500 केस में पीड़िता अपने बयान से मुकर चुकी है। उन्होंने दावा किया कि अधिकांश मामलों में पीड़ितों ने कोर्ट में सहमति से संबंध बनाने की बात को स्वीकार किया है। वहीं प्रेम प्रसंग या घरवालों से नाराज होकर घर छोड़ने के मामले भी प्रदेश में बढ़े है। वहीं महिला अपराध के मामले में मध्यप्रदेश वर्तमान में देश में छठे स्थान पर है। 2021 में प्रदेश में महिला अपराध के मामले सिर्फ एक फीसदी बढ़े है।