भोपाल। मध्यप्रदेश में मई महीने की पहली सुबह जनवरी के महीने जैसी ठंडक का अहसास कर रही है। मौसम में आए इस परिवर्तन का कारण है कि प्रदेश में लगातार बारिश और ओले गिरना, जिससे फिजा में ठंडक घुली हुई है। राजधानी भोपाल और इंदौर सहित समूचे मालवा निमाड़,ग्वालियर और बुंदेलखंड में पिछले 24 घंटों से लगातार रूक-रूक कर बारिश हो रही है और कई जिलों में ओले भी गिरे है। राजधानी भोपाल में अप्रैल के आखिरी दिन रविवार को एक दिन 1.2 इंच पानी गिर गया। मौसम विभाग के मुताबिक अब तक मौजूद रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले 70 सालों में यह पहला मौका है जब अप्रैल में एक दिन में इतनी बारिश हुई हो।
पूरे अप्रैल सावन जैसा अहसास दिलाने वाला मौसम आगे भी ऐसा रहने वाला है। पूरे मार्च-अप्रैल पूरे प्रदेश में 310% फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। भोपाल मौसम केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी एसएन साहू के मुताबिक पश्चिम विक्षोभ के सेंट्रल पाकिस्तान के ऊपर एक्टिव होने के कारण अप्रैल के आखिरी दिनों में प्रदेश में इतनी बारिश दर्ज की गई और इंदौर,उज्जैन, होशंगाबाद, शहडोल डिवीजन में बारिश और ओले गिरे।
अप्रैल में सिर्फ 2 दिन पारा 40 पार-लगातार बारिश और ओले गिरने का असर यह रहा है कि अप्रैल का जो महीना गर्मी से तापता था उसमें केवल 2 दिन पारा 40 के पार रहा है, जबकि पिछले अप्रैल में 28 दिन पारा 40 के पार था। मौसम केंद्र के मुताबिक बीचे 13 साल में प्रदेश में अप्रैल सबसे ठंडा रहा है। बारिश होने से लगातार तापमान 40 डिग्री के नीचे बना रहा है। अगर राजधानी भोपाल के बात करें तो भोपाल में पिछले साल अप्रैल महीने में 28 दिन, 2021 में 9 दिन, 2020 में 6 दिन, 2019 में 19 दिन, 2018 में 12 दिन और 2017 में 17 दिन पारा 40 डिग्री के उपर रहा था।
मई में भी जारी रहेगी बारिश-वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एसएन साहू के मुताबिक फिलहाल प्रदेश में ऐसे ही मौसम रहेग। राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में अगले तीन दिनों तक बारिश का दौर ऐसे ही जारी रहेगा। आज प्रदेश में एक पश्चिम विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) के एंट्री करने की संभावना है। इसके चलते चक्रवती हवा के घेरा और ट्रफ लाइन बनी रहेगी। ऐसे में प्रदेश में 3-4 मई तक मौसम के ऐसे ही रहने की संभावना है। इसके चलते प्रदेश के 25 जिलों में बारिश का यलो और ऑरेंज अलर्ट है। मौसम विभाग ने भोपाल, जबलपुर, शहडोल, ग्वालिय, चंबल, सागर और रीवा संभाग के साथ इंदौर और उज्जैन संभाग में बाहिश होने का अनुमान जताया है।
वहीं मौसम विज्ञानी के मुताबिक प्रदेश में लगातार डिस्टरबेंस आ रहे है इसके कारण से बारिश देखने को मिलेगी। वह कहते हैं कि जब तक डिस्टरबेंस ऐसे आते रहेंगे तापमान बढ़ने की संभावना भी कम है।
मानसून हो सकता डिस्टर्ब-अप्रैल और मई के महीने भीषण गर्मी पड़ती है तब बारिश के लगातार दौर से लगातार तापमान कम बना हुआ है। ऐसे में क्या आने वाले समय में मानसून भी प्रभावित होता इस पर वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एसएन साहू कहते है कि बारिश का यह दौर मानसून को प्रभावित तो कर सकता है, क्यों जैसी हीटिंग भारत के उपर होनी चाहिए अगर वैसी नहीं हुई तो हो सकता है मानसून डिस्टरर्ब हो जाए।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एसएन साहू कहते हैं कि पश्चिमी विक्षोभ जो भूमध्य सागर में बनते है,वहां पर वर्तमान की परिस्थितियां जो पूरे इलाके के क्लाइमेंट पर असर डाल रही है इसके कारण हो सकता है कि लगातार सिस्टम एक्टिव हो रहा है जिसका असर भारत पर पड़ रहा है और अप्रैल-मई के महीनों में बरिश हो रही है।
किसानों पर मौसम का मार-मार्च-अप्रैल में लगातार बारिश और ओले गिरने की सबसे अधिक मार किसानों पर पड़ी। किसानों के खेत में खड़ी गेहूं की फसल बारिश और ओले गिरने से बर्बाद हो गई। वहीं अप्रैल के महीने के आखिर में भी बारिश और ओले गिरने से किसानों की फसलों का काफी नुकसान पहुंचा है।