उन्होंने कहा कि हमारे संतों ने मानव जीवन का एक मात्र लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति और लोक कल्याण बताया है। उन्होंने ईश्वर प्राप्ति के तीन मार्ग बताए हैं जिसमें एक ज्ञान मार्ग, दूसरा भक्ति मार्ग और तीसरा कर्म मार्ग है। मैं कर्म का मार्ग अपनाकर जीवनभर लोगों के समग्र विकास और कल्याण के लिए काम करता रहूंगा।
उन्होंने कहा कि कर्म मार्ग द्वारा ईश्वर प्राप्ति का आशय यह है कि डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, व्यापारी, राजनीतिज्ञ आदि सभी लोगों को, जो जिस पेशे में है वह अपना कार्य पूरी ईमानदारी और निष्ठा से लोककल्याण के लिए करें। कर्म के इस मार्ग से भी ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के स्वस्थ्य और सुखद भविष्य के लिए नदियों और पर्यावरण का संरक्षण करना होगा। (वार्ता)