चौहान ने कहा कि कोई भी छल ले, हमारे बच्चों को। शादी करे और 35 टुकड़े कर दे। ये हम सहन नहीं करेंगे। ये 'लव' नहीं, 'लव' के नाम पर 'जिहाद' है। ये सब मध्यप्रदेश की धरती पर नहीं चलने दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो इसके खिलाफ हम राज्य में सख्त कानून भी बनाएंगे।
इस समारोह में चौहान ने जनजातीय समुदाय से जाने वाले टंट्या मामा की बहादुरी का बार-बार बखान किया और कहा कि वे उनके चरणों में राज्य की साढ़े सात करोड़ जनता की ओर से प्रणाम करते हैं। टंट्या मामा ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। उन्होंने उस समय भी शोषक (सूदखोरों) के खिलाफ आवाज उठाई और सदैव गरीबों के हक में काम किया।
चौहान ने कहा कि उन्हें इस बात की तकलीफ भी होती है, आजादी के सात दशकों तक टंट्या मामा और उनके जैसे अनेक वीरों की प्रतिमाएं शहरों नगरों में नहीं लगवायी गईं। सिर्फ एक खानदान की प्रतिमाएं लगती रहीं। आज हमारे लिए गर्व की बात है कि इंदौर में टंट्या मामा की भव्य प्रतिमा का लोकार्पण राज्यपाल ने किया है। राज्य सरकार की प्राथमिकता सदैव गरीबों की जिंदगी में बदलाव लाने की रही है और इसके लिए वे लगातार कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टंट्या मामा और इस तरह के अन्य जननायकों से प्रभावित होकर ही केंद्र की मोदी सरकार ने आदिवासियों के कल्याण का न सिर्फ संकल्प लिया है, बल्कि उसे पूरा करने के लिए कार्य भी किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी इसी तरह के कार्य किए जा रहे हैं।