Pune news in hindi : करगिल युद्ध लड़ चुके हकीमुद्दीन शेख के पुणे स्थित घर में पुलिस अचानक आई और उनके परिजनों से नागरिकता साबित करने को कहा। यह भी धमकी दी गई कि अगर वे अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए, तो उन्हें बांग्लादेशी या रोहिंग्या घोषित कर दिया जाएगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनसार, हकीमुद्दीन के परिजनों ने आरोप लगाया है कि शनिवार रात करीब 11 बजे पुलिस 30 से 40 लोगों के साथ आई और उनसे नागरिकता साबित करने को कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि आधार कार्ड दिखाने पर भी उन्हें थाने ले जाया गया। उन्हें चेतावनी दी गई कि अगर वे अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए, तो उन्हें बांग्लादेशी या रोहिंग्या घोषित कर दिया जाएगा।
मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए DCP सोमय मुंडे ने कहा कि पुलिस को अवैध आप्रवासियों के बारे में जानकारी मिली थी। टीम जांच के लिए गई थी। उन्होंने कहा कि बस परिवार से दस्तावेज मांगे गए। जब स्पष्ट हो गया कि वे भारतीय हैं, तो हमने उन्हें जाने दिया। उन्होंने कहा कि कार्रवाई के दौरान पुलिस के साथ कोई तीसरा शख्स नहीं था।
कौन हैं हकीमुद्दीन : 1999 में करगिल में देश के लिए युद्ध लड़ चुके हकीमुद्दीन अब सेना से रिटायर्ड हो चुके हैं। करीब 16 वर्षों तक 269 इंजीनियर रेजिमेंट में अपनी सेवाएं देने के बाद वर्ष 2000 में सेना से रिटायर्ड हो गए।
हकीमुद्दीन ने सवाल किया कि मैंने इस देश के लिए करगिल में लड़ाई लड़ी है। मेरा पूरा परिवार यहीं का है। फिर हमसे बार-बार नागरिकता साबित करने को क्यों कहा जाता है?