Motivation : दुनिया तुम्हें बदले, इससे पहले तुम बदल जाओ

अनिरुद्ध जोशी
अच्छी आदत से अच्छा होगा और बुरी आदत से बुरा। जरूरी नहीं कि आप बुरी आदतों के शिकार बन गए हों और आप उन्हें छोड़ना चाहते हों। अच्छी आदतें भी नुकसान पहुंचाने वाली सिद्ध हो सकती है या कहें कि किसी भी प्रकार की आदत या लत का होना ही नुकसानदायक है। हालांकि यहां पर बात आदतों के साथ और भी खास हो रही है।
 
1. तंबाखू और शराब के नशे के चलते व्यक्ति अति भोजन, तनाव, कुंठा, अवसाद, निराशा और नकारात्मक विचार से ग्रस्त हो जाता है। नकारात्मक विचार से जिंदगी में सबकुछ नकारात्मक ही होने लगता है। जैसी मति वैसी गति तो मति को बदलो।
 
2. झूठ बोलना, लोगों को भ्रम में रखना, अपने जीवन, करियार और परिवार को लेकर गंभीर नहीं रहने की भी आदत हो जाती है लोगों को। ऐसे लोग उसी तरह जी रहे हैं जिस तरह उन्हें दुनिया जिला रही है।
 
3. कहते हैं कि यदि समय पर आपने खुद को नहीं बदला तो समय तुम्हें बदल देता और फिर वह बदलाव तुम्हें अच्छा नहीं लगेगा। इसीलिए समय की कद्र करो। समय की ही कार्य करो। 
 
4. विद्वान लोग कहते हैं कि दुनिया तुम्हें बदलने पर मजबूर कर दे उससे पहले तुम खुद को उस तरह से बदल लो जिस तरह से तुम जीना चाहते हो। जितनी जल्दी हो सके बदल जाओ वर्ना असफलता तुम्हारे कदम चूमेगी। 
 
5. यदि तुम समय, परिवार और पैसे की कद्र नहीं करते हो तो तुम दुनिया के द्वारा सताए जाओगे। तुम खुद को हर जगह मजबूर ही पाओगे और फिर तुम दुनिया को ही गलत समझोगे खुद को नहीं। तुम जैसे कई लोग है तो अपनी असफलता या दु:ख का कारण दूसरों को मानते हैं। 

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