कई विश्लेषक बता रहे हैं कि शेख हसीना का जमीन से संपर्क कट गया था, महंगाई बढ़ गई थी, मध्यम वर्ग कठिनाई में था, नौकरियां मिल नहीं रही थी और वह समझ नहीं पाई। बांग्लादेश के आर्थिक आंकड़ों को विश्व मानकों पर इस समय विकासशील देशों की कतार में संतोषजनक माना जाता है। शेख हसीना पहली प्रधानमंत्री थीं जिन्होंने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाकर विश्व में देश की छवि बदली, शिक्षा में सुधार किया, विदेश नीति में बांग्लादेश को अमेरिका या चीन किसी के पाले में जाने से बचाया, सेना को न निष्प्रभावी किया न ज्यादा प्रभावी होने दिया, कट्टरपंथियों, इस्लामवादियों, जिहादी एवं अन्य उग्रवादी समूहों को नियंत्रित कर बांग्लादेश में शांति और स्थिरता बनाए रखने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की, पाकिस्तान की साजिशों को सफल नहीं होने दिया तथा अमेरिका के दबाव को भी अस्वीकार किया। ये नीतियां एक साथ देश के अंदर और बाहर उनके विरोधियों-दुश्मनों की संख्या बढ़ाने के लिए पर्याप्त था।