अब हाईकोर्ट की इस टिप्पणी के मद्देनजर इंदौर में कचरे के निपटान को लेकर अवश्य तगड़ी संभावनाएं हैं, क्योंकि फिलहाल तो इंदौर कचरा हब जरूर बन गया है, जहां हजारों टन कचरा खुले में, सड़कों, प्लाटों, बगीचों, नालों से लेकर तमाम जगह बिखरा पड़ा है। अब अगली समिट कबाड़ियों की हो सकती है। देशभर के कबाड़ी इंदौर में एकत्रित होंगे, जो कचरे से बिजली, खाद बनाने से लेकर कई तरह के प्रोजेक्टों के एमओयू साइन कर सकते हैं और इसके साथ ही आवारा पशुओं और कुत्तों, सूअरों की समस्या के मद्देनजर पशु पालन से संबंधित उद्योग-धंधे और सूअर पालन के क्षेत्र में भी जबरदस्त स्कोप है। तो अगली बार की समिट कबाड़ियों के नाम..!