Smriddhi Express way Bus accident : आधी रात का वक्त है। समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर आग में झुलसते लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। रात के सन्नाटे में चारों तरफ चीख-पुकार मची है। क्या जवान, बुर्जुग और क्या बच्चे। सभी आग की चपेट में हैं। जान बचाने के लिए चीखों से शुक्रवार की ये रात कांप गई, लेकिन मदद के लिए हाइवे से गुजरती एक भी कार नहीं रुकी। मदद तो दूर किसी ने एक भी जान बचाने की कोशिश तक नहीं की।
मर चुकी इंसानियत का ये बेदर्द नजारा महाराष्ट्र के समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर बीती रात उन लोगों ने अपनी आंखों से देखा जो इस हादसे में किसी तरह अपनी जान बचा पाए।
दरअसल, नागपुर से पुणे जा रही एक निजी बस महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले से गुजर रहे समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर भयानक हादसे का शिकार हो गई। फूल स्पीड में जा रही बस का टायर अचानक फट गया, जिसके बाद बस पलटी खा गई और उसमें आग लग गई। आग लगने से बस में सवार करीब 34 लोग उसकी चपेट में आ गए। आग में भभकती बस से कुछ लोग तो बाहर फिंका गए, जबकि कुछ लोग बस की खिड़कियां तोड़कर बाहर निकलने में कामयाब हो सके। लेकिन दुर्भाग्य से 3 बच्चों समेत 26 लोग आग में झुलसकर जिंदा जल मरे।
आंखों देखी त्रासदी: जो लोग इस हादसे में बच गए उन्होंने अपनी आंखों से जो मौत का मंजर देखा, उसके बारे में सोचकर ही आत्मा सिहर उठी है। भालेगांव के योगेश रामदास गवई ने मीडिया को बताया- मैं विदर्भ ट्रेवल की बस में बैठा था। हमारी बस समृद्धी हाइवे पर अचानक हादसे का शिकार हो गई। बस का एक टायर फट गया और गाड़ी में तुरंत आग लग गई। कुछ ही सेकंड में आग ने पूरी बस को चपेट में ले लिया। योगेश ने बताया कि मैं और मेरे बगल में बैठा एक यात्री पिछले हिस्से की खिड़की तोड़कर निकलने में सफल रहे। हमारे बाहर आते ही गाड़ी में धमाका हो गया। फायर टीम घटना के 10-15 मिनट बाद आई और आग पर काबू पाया।
गेट नीचे आने पर नहीं निकल सके लोग : दुर्भाग्य रहा कि बस पलटने की वजह से बस के गेट वाला हिस्सा नीचे की तरफ दब गया, जिसकी वजह से कोई भी यात्री बस से बाहर नहीं आ सका। लोग बस में जिंदा जलते रहे। चीख-पुकार से आत्मा सिहर उठी। इस दौरान जो लोग बच गए उन्होंने हाइवे से आती-जाती कार और दूसरे वाहन चालकों को मदद के लिए रोकने की कोशिश की। बस में जलते लोग भी मदद के लिए चीख रहे थे, लेकिन वहां से गुजरती एक भी कार या कोई वाहन मदद के लिए नहीं रूका। आग में भभकती बस में सवार 26 यात्री जिंदा जलकर खाक हो गए।
तो बच जाती कुछ जानें : प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के वक्त कई कारें, ट्रक और वाहन गुजरे, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं रुका। रात के अंधेरे में साफ नजर आ रहा था कि बस पूरी तरह से आग की चपेट में है और लोग उसमें फंसे हैं, लेकिन कोई मदद तो दूर किसी ने एक जान भी बचाने की कोई कोशिश तक नहीं की। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अगर कुछ लोग रुकते और मदद करते तो कुछ लोगों की जानें बचाई जा सकती थी। लेकिन शुक्रवार की इस भयावह रात में लगा कि जैसे इंसानियत पूरी तरह से मर चुकी है।