hdfc bank merger : आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC limited) का उसकी अनुषंगी एवं निजी क्षेत्र के सबसे बड़े कर्जदाता एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) में विलय हो गया। इस विलय के साथ ही एचडीएफसी बैंक दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन गया। यह विलय देश के कंपनी जगत का सबसे बड़ा सौदा है। इस विलय से बैंक के साथ ही ग्राहकों और निवेशकों को भी फायदा होगा।
शेयर बाजारों को देर शाम दी गई सूचना में कहा गया कि दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों की अलग-अलग हुई बैठक में विलय प्रस्ताव को अंतिम स्वीकृति दी गई। विलय की यह योजना एक जुलाई से प्रभावी हो गई। इसके साथ ही एक स्वतंत्र इकाई के तौर पर एचडीएफसी लिमिटेड का अस्तित्व खत्म हो गया।
एचडीएफसी बैंक ने 4 अप्रैल, 2022 को देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी का खुद में विलय करने पर सहमति जताई थी। बैंक के 12 करोड़ ग्राहक है। यह भारतीय स्टेट बैंक के बाद दूसरी सबसे बड़ी कर्जदाता बन गई। अब एचडीएफसी की 8300 ब्रांचों में 1,77,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं।
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी बैंक : विलय के बाद एचडीएफसी बैंक की परिसंपती 31.35 लाख करोड़ की हो गई। बाजार पूंजीकरण के हिसाब से यह जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी, इंडस्ट्रियल एंड कर्मशियल बैंक और चायना और बैंक ऑफ अमेरिका के बाद चौथा सबसे बड़ा बैंक बन गया है।
HDFC के 25 शेयरों के बदले HDFC बैंक के 42 शेयर : नवगठित कंपनी का बीएसई के सूचकांक में भारांश रिलायंस इंडस्ट्रीज से भी अधिक हो जाएगा। फिलहाल रिलायंस का भारांश 10.4 प्रतिशत है लेकिन विलय के बाद एचडीएफसी बैंक का भारांश 14 प्रतिशत के करीब हो गया। इस सौदे के तहत एचडीएफसी के प्रत्येक शेयरधारक को 25 शेयरों के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे।
क्या बोले HDFC Bank के CEO : एचडीएफसी बैंक के CEO और MD शशि जगदीशन ने कहा कि यह हमारी यात्रा में एक निर्णायक घटना है। मुझे विश्वास है कि हमारी संयुक्त ताकत हमें वित्तीय सेवाओं का एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में सक्षम बनाएगी। हम एचडीएफसी बैंक परिवार में एचडीएफसी लिमिटेड की प्रतिभाशाली टीम का स्वागत करते हुए वास्तव में खुश हैं। मेरा मानना है कि हमारी यात्रा चपलता, अनुकूलनशीलता और उत्कृष्टता की निरंतर खोज से परिभाषित होगी। जैसे-जैसे हम आगे की राह पर आगे बढ़ेंगे, हम चुनौतियों को अवसर के रूप में स्वीकार करेंगे, अपने अनुभवों से सीखेंगे और वित्तीय सेवा उद्योग में सफलता और अखंडता का मानक बनने का प्रयास करेंगे।
बैंक का ट्रांसफॉरमेशन : विलय के बाद, एचडीएफसी बैंक की प्रमुख सहायक कंपनियों में एचडीएफसी सिक्योरिटीज लिमिटेड, एचडीबी फाइनेंशियल शामिल हैं सर्विसेज लिमिटेड, एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स लिमिटेड और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड शामिल होगी।
यह एचडीएफसी बैंक के एक वित्तीय सेवा समूह में परिवर्तन का भी प्रतीक है जो अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से बैंकिंग से लेकर बीमा और म्यूचुअल फंड तक वित्तीय सेवाओं की एक पूरी श्रृंखला प्रदान करता है।
दीपक पारेख का इस्तीफा : एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने विलय से एक दिन पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया। शेयरधारकों को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि अब उनकी विदाई का वक्त है। वे नई कंपनी में कोई पद नहीं लेंगे।
कैसे हुई थी HDFC बैंक की शुरुआत : एचडीएफसी बैंक को 1994 में हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन की सहायक कंपनी के रूप में शामिल किया गया था। इसका पंजीकृत कार्यालय मुंबई में था। यह बैंक होलसेल बैंकिंग, रिटेल बैंकिंग, ट्रेजरी, होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन, लोन एगेन्सट प्रॉपर्टी, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन, लाइफ स्टाइल लोन और क्रेडिट कार्ड सहित कई उत्पाद और सेवाएं प्रदान करता है।
बैंक से जुड़े विवाद : दिसंबर 2020 में भारतीय रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी बैंक पर नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी थी। साथ ही सभी प्लान्ड गतिविधियों को अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया। अगस्त 2021 में बैंक को फिर क्रेडिट कार्ड बेचने की अनुमति मिली। मई 2021 में RBI ने अपने ऑटो ऋण पोर्टफोलियो के संबंध में नियामक अनुपालन में कमियों के लिए एचडीएफसी बैंक पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था।
बहरहाल इस विलय के बाद एचडीएफसी बैंक के असुरक्षित कर्ज का जोखिम और कम होगा। पूंजी आधार पर मजबूती आएगी। बैंक के ग्राहकों को भी एक छत के नीचे होम लोन और बैंकिंग सेवाएं मिल सकेगी।