श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों के साथ रातभर चली मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकवादी मारे गए। जिनके शव मुठभेड़ स्थल से बरामद कर लिए गए। जब सुरक्षाकर्मी आतंकवादियों के संदिग्ध ठिकाने पर पहुंचे तो वहां छिपे आतंकवादियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका सुरक्षाबलों ने प्रभावी रूप से जवाब दिया और दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।
पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। इसी के साथ इस साल अब तक घाटी में मारे गए आतंकवादियों की संख्या बढ़कर 99 हो गई है। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिण-कश्मीर स्थित पुलवामा जिले के द्रबगाम गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर शनिवार को इलाके में सुरक्षाबलों ने घेराबंदी एवं तलाश अभियान शुरू किया।
प्रवक्ता के अनुसार, जब सुरक्षाकर्मी आतंकवादियों के संदिग्ध ठिकाने पर पहुंचे तो वहां छिपे आतंकवादियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका सुरक्षाबलों ने प्रभावी रूप से जवाब दिया और दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में लश्कर ए तैयबा के तीन आतंकवादी मारे गए जिनके शव मुठभेड़ स्थल से बरामद कर लिए गए। उनके अनुसार, तीनों की पहचान पुलवामा के गडूरा निवासी जुनैद अहमद शीरगोजरी, पुलवामा के द्रबगाम निवासी नजीर भट और पुलवामा के अराबल निकास निवासी इरफान अहमद मलिक के रूप में हुई है।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, ये तीनों आतंकवादी पुलिस एवं सुरक्षाबलों पर हमले, आम लोगों के उत्पीड़न समेत कई आतंकी गुनाहों में शामिल समूहों का हिस्सा थे। प्रवक्ता ने बताया कि शीरगोजरी अपने साथी एवं पुलवामा के मोंघामा निवासी आबिद हुसैन के साथ 13 मई को पुलिसकर्मी रियाज अहमद की हत्या करने में शामिल था। आबिद हुसैन 30 मई को मारा गया था।