न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार समय पर अभियुक्त के प्रतिनिधित्व की अस्वीकृति संप्रेषित नहीं कर पाईं, जो हिरासत आदेश का उल्लंघन है।
पीठ ने कहा, 'सुनवाई के दौरान दाखिल किए गए जवाबी हलफनामे में कोई खास पहलू सामने नहीं आया। वास्तव में, अपीलकर्ता अस्पताल के फार्मास्युटिकल विंग में काम करता था। इस अस्पताल का संचालन पिछले मामले में अपीलकर्ता द्वारा किया जा रहा था, जिसे अदालत जमानत दे चुकी है।'
पीठ ने अपने हालिया आदेश में कहा था कि हम 11 मई 2021 के हिरासत आदेश और हिरासत की अवधि बढ़ाने के 8 जुलाई, 2020 और 30 सितंबर, 2021 के आदेश को भी रद्द करते हैं।