नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राजधानी के आनंद विहार इलाके में AQI 700 के पार पहुंच गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में पराली जलाने के लिए किसान नहीं हम जिम्मेदार है। दिल्ली में कल से प्राइमरी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इस बीच दिल्ली में प्रदूषण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। याचिकाकर्ता ने कहा कि ये जीवन के अधिकार का मामला है। शीर्ष अदालत इस मामले में 10 नवंबर को सुनवाई करेगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि शनिवार से दिल्ली में प्राइमरी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। बड़े बच्चों के स्कूलों में बाहर खेलना बंद कर दिया गया है। ऑड-ईवन पर भी विचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ये पूरे उत्तर भारत की समस्या है। इसके लिए केवल केजरीवाल जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि हवा एक राज्य से दूसरे राज्य में जाती है। ये वक्त राजनीति का नहीं है। केंद्र सरकार को इसका हल निकालना है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में पराली जलने के लिए किसान नहीं हम जिम्मेदार है। हमें यहां सरकार बनाए हुए मात्र 6 माह हुए हैं। 2023 तक पराली जलाने की समस्या कम हो जाएगी।
पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने बताया कि पराली जलाना किसानों की मजबूरी है। हम किसानों से इस मसले पर लगातार बात कर रहे हैं। हमने जागरूकता अभियान भी जलाया।
पराली जलाने और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण गुरुवार को राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अति गंभीर श्रेणी में पहुंचने के करीब था, जिस कारण अधिकारियों को दिल्ली और एनसीआर जिलों में डीजल से चलने वाले चार पहिया हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) के परिचालन और राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के अंतिम चरण के तहत प्रदूषण रोधी उपायों के हिस्से के रूप यह कदम उठाया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने, गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों और सम-विषम के आधार पर वाहनों के चलने पर फैसला ले सकती है।