नई दिल्ली। महाचक्रवात ‘अम्फान’ के 82 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है और आज इसके ओडिशा तट से टकराने की आशंका है। राज्य के कई जिले में भारी बारिश हो रही है जबकि राज्य सरकार ने संवेदनशील एवं निचले इलाकों को खाली कराने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
बुधवार की दोपहर या शाम तक पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के बीच दीघा और हटिया द्वीप के बीच से गुजरने की संभावना है तथा तूफान में हवाओं की गति निरतंर 155 से 165 किलोमीटर प्रति बनी रहेगी, जो बीच-बीच में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है।
मौसम विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि अम्फान दशक का सबसे बड़ा तूफान है। ऐसा अनुमान है कि यह 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तट पर पहुंचेगा जो चक्रवाती तूफान की पांचवीं श्रेणी के बराबर होगा।
मौसम विभाग के अनुसार, तूफान के असर से ओडिशा के पुरी, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर और खुर्दा जिलों के कई इलाकों में हल्की बारिश हुई है तथा धीरे-धीरे हवा और बारिश की रफ्तार बढ़ सकती है।
11 लाख लोगों को निकालने की व्यवस्था: विशेष बचाव आयुक्त पीके जेना ने कहा कि निचले इलाकों, तटीय जिलों में कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को निकालने की प्रक्रिया जारी है और यह काम शाम तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एहतियाती कदम के तौर पर 11 लाख लोगों को निकालने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि गजपति जिले के कुछ क्षेत्रों से भी भूस्खलन की आशंका के मद्देनजर लोगों को हटाया जा रहा है।
NDRF की 53 टीमें तैनात : राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा कि एनडीआरएफ ‘अम्फान’ को हल्के में नहीं ले रहा है क्योंकि ऐसा दूसरी बार हुआ है जब भारत बंगाल की खाड़ी में आए प्रचंड चक्रवातीय तूफान का सामना कर रहा है।
प्रधान ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण घटनाक्रम है क्योंकि 1999 में ओडिशा तट पर आए प्रचंड चक्रवातीय तूफान के बाद यह उस श्रेणी का दूसरा तूफान है। NDRF ने राहत और बचाव कार्य के लिए अपनी 53 टीमों को तैनात किया है।
मौसम विभाग का अलर्ट : भारत के मौसम विभाग ने इलाके के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया है और मछुआरों को सलाह दी है कि वो अगले 24 घंटों के लिए दक्षिण बंगाल की खाड़ी में न जाएं और 18 से 20 मई तक उत्तर बंगाल की खाड़ी में न जाएं।
मौसम विभाग का कहना है कि ऐसी आशंका है कि उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी से यह तूफान गुजरेगा और पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट से 20 मई की दोपहर को गुज़रेगा, तब यह बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान होगा।