नई दिल्ली। गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों के लिए 60 साल की उम्र के बाद पेंशन, किसानों की कर्ज माफी तथा कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग की है। मोदी को आज लिखे एक पत्र में अन्ना ने कहा है, एक तरफ हम स्मार्ट सिटी, मेट्रो और औद्योगिक विकास की हाइटेक बातें कर रहें हैं, और दूसरी तरफ भूखे पेट झोपड़ी में रहने वाले गरीब तथा लाखों की संख्या में आत्महत्या करने वाले किसानों की अनदेखी कर रहें हैं।
हमारे कृषि प्रधान देश में पिछले 22 साल में लाखों किसानों ने आत्महत्या की है। पांच साल में किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रहे मोदी पर निशाना साधते हुए अन्ना ने लिखा है, शायद सवा सौ करोड़ देशवासियों की सेवा करने में व्यस्त होने के कारण आपको ऐसी समस्याओं की ओर देखने के लिए समय नहीं मिलता होगा।
अन्ना ने लिखा है, ऐसा लगता हैं कि किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए सभी आश्वासन भी आप भूल गए हैं। गांधीवादी नेता ने मुख्य रूप से छह मांगें रखी हैं तथा कहा है कि यदि इन पर तुरंत निर्णय नहीं किया गया तो वह 23 मार्च से दिल्ली में जनांदोलन शुरू करेंगे।
इन मांगों में 60 साल की उम्र के बाद किसानों को कम से कम पांच हजार रुपए प्रति माह पेंशन देना भी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय तथा राज्य कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा और पूर्ण स्वायत्तता देने, प्रशासन तथा बैंकों द्वारा किसानों का शोषण रोकने के लिए कृषि तथा किसान हित संरक्षण कानून बनाने, कृषि क्रेडिट नीति बनाने और कृषि में निवेश बढ़ाने के उपाय करने तथा कृषि उपज आयात-निर्यात नीति बनाने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि 31 मार्च 2015 से पहले के किसानों के सभी कर्ज माफ किए जाने चाहिए। अन्य मांगों में कृषि उपज का औद्योगिक इस्तेमाल पर ज्यादा मूल्य निर्धारित करने, भूमि अधिग्रहण के लिए किसान के साथ ग्रामसभा की अनुमति आवश्यक करने और कर्ज वसूली के दौरान किसानों की जमीन तथा मकान की नीलामी न हो, ऐसा सुनिश्चित करने की भी मांग की है। (वार्ता)