उल्लेखनीय है कि अन्ना ने लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग करते हुए पहले जंतर मंतर और बाद में रामलीला मैदान में अनशन के जरिए पूरे देश की राजनीतिक चेतना को झकझोर कर यूपीए सरकार की ताबूत में आखिरी कील ठोंक देने का काम किया था। उनके इस आंदोलन से कई नेताओं का जन्म हुआ था जिसमें सबसे बड़ा नाम अरविंद केजरीवाल का है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक समाजसेवी अन्ना हजारे ने नरेंद्र मोदी सरकार पर वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर दिल्ली के रामलीला मैदान पर एक बार फिर विरोध प्रदर्शन के लिए उतरने की बात कही है। अन्ना हजारे ने कहा कि वर्तमान सरकार ने लोगों से वादा किया था कि वो भ्रष्टाचार मुक्त भारत देंगे, लेकिन तीन सालों में उन्होंने लोकपाल के लिए कुछ नहीं किया।
अन्ना ने कहा, 'लोगों को अपेक्षा थी और इस सरकार ने यह वादा भी किया था कि वो हमें भ्रष्टाचार मुक्त भारत देंगे, लेकिन तीन साल बीत गए कुछ नहीं हुआ. पहले कांग्रेस सरकार ने हमें अप्रभावी क़ानून दिया और अब तीन साल बाद मोदी सरकार ने भी लोकपाल को कोई शक्ति नहीं दी।'
इससे पहले गांधी जयंती के मौके पर सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे दिल्ली के राजघाट पर एक दिन का सत्याग्रह करेंगे। सोमवार को सुबह पुणे से दिल्ली आएंगे और सीधे गांधी समाधि राजघाट जाएंगे, जहां अन्ना हजारे बापू को श्रद्धांजलि देंगे। अन्ना हजारे ने कहा कि देश महात्मा गांधी के सपने के रास्ते से भटक गया है। इसीलिए वह गांधी जयंती के मौके पर एक दिन का सत्याग्रह करेंगे।
गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार मुक्त भारत को बनाने के लिए 2011 में रामलीला मैदान में आंदोलन किया था। इसके बाद 27 अगस्त 2011 के दिन भारतीय संसद में ‘Sense of the House’ से रिज्युलेशन पास किया गया था। इसमें केंद्र में लोकपाल, हर राज्यों में लोकायुक्त और सिटिजन चार्टर ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जल्द से जल्द कानून बनाने का निर्णय किया गया था। इसके बाद अन्ना हजारे ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था। इसे लेकर 6 साल गुजर चुके हैं।