सेन्ट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड के इस मामले में वकील जफरयाब जिलानी और मुश्ताक अहमद खान ने सिब्बल की दलील को उचित बताया था और कहा था कि चुनाव में साम्प्रदायिकता भड़काकर इस मसले के बहाने भाजपा और उसके सहयोगी संगठन लाभ लेने से नहीं चूकेंगे, इसलिए मामले की सुनवाई जुलाई 2019 के बाद हो।