अयोध्या बाबरी विध्वंस केस में आज लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत अपना फैसला सुनाने जा रही है। सीबीआई कोर्ट का यह फैसला ऐसे समय आ रहा है जब सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में राममंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। सीबीआई अदालत आज जिस केस पर अपना फैसला सुनाने जा रही है उसमें भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी,कल्याण सिंह,विनय कटियार,जयभान सिंह पवैया और उमा भारती जैसे नाम शामिल है। ALSO READ: बाबरी विध्वंस केस पर कोर्ट के फैसले से पहले जानें अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को आखिर हुआ क्या था?
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या स्थित विवादित ढांचे को एक भारी भीड़ ने गिरा दिया था इस भीड़ में मुख्य रूप से भाजपा विश्व हिंदू परिषद शिवसेना और आरएसएस से जुड़े तमाम संगठनों के कार्यकर्ता शामिल थे। कानूनी दांवपेंच के चलते यह मामला 28 साल से कोर्ट में लंबित है। बाबरी विध्वंस केस के कुल 49 अभियुक्तों में शिवसेना नेता बालठाकरे और विहिप नेता अशोक सिंघल समेत 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है। इस मामले में कुल 32 आरोपी बचे है जिन्हें आज कोर्ट में पेश होना है।
पहला केस नंबर-197- 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा पूरी तरह से ध्वस्त होने के बाद थाना राम जन्मभूमि अयोध्या के प्रभारी पीएन शुक्ला ने शाम 5:15 पर लाखों अज्ञात कार सेवकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। इसमें बाबरी मस्जिद गिराने का षडयंत्र मारपीट और डकैती शामिल है।
केस नंबर-198 – इसके लगभग 10 मिनट के बाद एक अन्य पुलिस अधिकारी गंगा प्रसाद तिवारी ने 8 लोगों के खिलाफ राम कथा कुंज सभा मंच से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ धार्मिक उन्माद भड़काने वाला भाषण देकर बाबरी मस्जिद गिरवाने का मुकदमा कायम कराया। यह मुकदमा भारतीय दंड संहिता की धारा 153A,153B, 505 147 और 149 के तहत केस दर्ज हुआ। इस केस में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी,विनय कटियार,उमा भारती साध्वी ऋतंभरा, अशोक सिंघल गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इसी मुकदमे के आधार पर पुलिस ने 8 दिसंबर 1992 को लालकृष्ण आडवाणी और अन्य नेताओं को गिरफ्तार किया था और आज 28 साल बाद इस केस में फैसला आने जा रहा है।