सोशलिस्ट पार्टी के दो बार अध्यक्ष रहे वैद्य आपातकाल में जेल भी गए थे और जनता पार्टी के महासचिव भी रहे थे। वह प्रसिद्ध समाजवादी मधु लिमये एवं पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के अत्यन्त निकट रहे थे। वैद्य को पिछले दिनों कैंसर होने के कारण मार्च के अंतिम सप्ताह में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह पुणे के महापौर भी रहे थे और उन्होंने 1942 के आंदोलन तथा गोवा मुक्ति संग्राम में बढ़ चढ़कर भाग लिया था।