bharat ratna list of india : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। हाल ही में कर्पूरी ठाकुर को भी भारत रत्न देने का ऐलान किया गया था। जानिए भारत रत्न से जुड़ी खास जानकारी...
क्या है भारत रत्न : भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है और यह सम्मान असाधारण राष्ट्रीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। पहले इसमें खेल को शामिल नहीं किया गया था लेकिन बाद में इसे सूची में शामिल किया गया है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही 'भारत रत्न' दिया जा सकता है।
कैसी है इसकी डिजाइन : पहले मूल रूप में इस सम्मान के पदक का डिजाइन 35 मिमी गोलाकार स्वर्ण मैडल था जिसमें सामने सूर्य बना था, ऊपर हिन्दी में भारत रत्न लिखा था और नीचे पुष्पहार था और पीछे की तरफ राष्ट्रीय चिह्न और ध्येय वाक्य (मोटो) लिखा होता था। बाद में इस पदक के डिज़ाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। इसके नीचे चांदी में लिखा रहता है- 'भारत रत्न' और यह सफेद फीते के साथ गले में पहना जाता है।
14 लोगों को मरणोपरांत मिला भारत रत्न : इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारंभ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन वर्ष 1955 में बाद में यह प्रावधान जोड़ा गया। इसके चलते यह सम्मान लोगों को मरणोपरांत भी दिया जाने लगा है। अब तक 14 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया है।
50 लोगों को मिला भारत रत्न : सरकार ने अब तक 50 लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया है। सबसे पहले 1954 में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इस सूची में समाज के हर क्षेत्र के लोग शामिल हैं। सचिन तेंडुलकर एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्हें यह सम्मान दिया गया। 2024 में कपूूूूर्री ठाकुर और लालकृष्ण आडवाणी को पुरस्कार दिया गया।
सुभाष चंद्र बोस से क्यों वापस लिया सम्मान : 1992 में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को भारत रत्न से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था, लेकिन उनकी मृत्यु विवादित होने के कारण पुरस्कार के मरणोपरांतस्वरूप को लेकर प्रश्न उठाया गया था, इसीलिए भारत सरकार ने यह सम्मान वापस ले लिया। उक्त सम्मान वापस लिए जाने का यह एकमेव उदाहरण है।
मौलाना अबुल कलाम आजाद ने क्यों नहीं लिया था भारत रत्न : भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को जब भारत रत्न देने की बात आई तो उन्होंने जोर देकर मना कर दिया, कारण कि जो लोग इसकी चयन समिति में रहे हों, उनको यह सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए। बाद में 1992 में उन्हें मरणोपरांत दिया गया।