Lakhimpur Kheri violence case : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एक गवाह को पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ गवाही देने पर धमकी मिलने पर उत्तर प्रदेश में शिकायत दर्ज करने की अनुमति दी। पीठ ने प्रत्यक्षदर्शी की शिकायत पर कहा कि पुलिस को अपनी रिपोर्ट में पहले निकाले गए निष्कर्षों से प्रभावित हुए बगैर आरोपों की निष्पक्ष ढंग से जांच करनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने जमानत शर्तों के उल्लंघन के मामले में आशीष मिश्रा को जनवरी, 2024 में दी गई जमानत रद्द करने से भी इनकार कर दिया तथा उसे 5 और 6 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर लखीमपुर खीरी में अपने परिवार से मिलने की अनुमति दी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने प्रत्यक्षदर्शी की शिकायत पर कहा कि पुलिस को अपनी रिपोर्ट में पहले निकाले गए निष्कर्षों से प्रभावित हुए बगैर आरोपों की निष्पक्ष ढंग से जांच करनी चाहिए। पीठ ने पुलिस को आवश्यकता पड़ने पर नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की छूट दी।
शीर्ष अदालत ने जमानत शर्तों के उल्लंघन के मामले में आशीष मिश्रा को जनवरी, 2024 में दी गई जमानत रद्द करने से भी इनकार कर दिया तथा उसे पांच और छह अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर लखीमपुर खीरी में अपने परिवार से मिलने की अनुमति दी।
आशीष मिश्रा को सात अप्रैल को शाम पांच बजे से पहले लखीमपुर खीरी से लखनऊ लौटने का निर्देश दिया गया है। उस पर अपने गृह नगर की यात्रा के दौरान राजनीतिक कार्यकर्ताओं से मिलने-जुलने पर रोक लगा दी गई है। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया, जिसमें उसने पीड़ितों के इस दावे का खंडन किया कि मिश्रा ने जमानत शर्तों का उल्लंघन करते हुए लखीमपुर खीरी में एक राजनीतिक रैली में भाग लिया था।
पुलिस ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा है कि रैली में भाग लेने की मिश्रा की तस्वीर पुरानी थी, जिसे पिछले साल अक्टूबर में रैली में भाग लेने की उनकी नवीनतम तस्वीर के रूप में दिखाया गया था। पीठ ने उत्तर प्रदेश पुलिस से कहा कि वह मामलों में गवाहों की सूची पर पुनर्विचार करे और केवल महत्वपूर्ण गवाहों की जांच को प्राथमिकता दे।
पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील रुचिरा गोयल से कहा, गवाहों की जांच में समय लगता है और अगर आपके पास सैकड़ों गवाह हैं, तो यह एक अंतहीन सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत ने इस मामले की सुनवाई 16 अप्रैल के लिए स्थगित कर दी। उससे पहले उसे सूचित किया गया कि मामला अधीनस्थ अदालत में आने वाला है।
मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग करते हुए पीड़ितों की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि गवाहों को दी जा रही धमकियां एक गंभीर मामला है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि अदालत चश्मदीदों को पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराने की अनुमति दे रही है, जिसकी जांच की जाएगी।
लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तीन अक्टूबर, 2021 को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र के दौरे के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour