Arvind Kejriwal news : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होंगे या नहीं, इसे लेकर अभी संशय बना हुआ है। ED ने उन्हें शराब घोटाला मामले में 5वीं बार नोटिस दिया है। इस बीच भाजपा ने केजरवाल से सवाल किया कि वे ईडी के समक्ष पेश क्यों नहीं हो रहे हैं। कब तक आप विक्टिमहुड कार्ड खेलेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अरविंद केजरीवाल से कहा कि अगर छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो आप खुद को ईडी और अन्य एजेंसियों के सामने पेश क्यों नहीं कर रहे हैं? आप वही केजरीवाल हैं, जिन्होंने अन्ना हजारे के संरक्षण में सबसे पहले यही कहा था, इस्तीफा होना चाहिए और फिर जांच।
उन्होंने केजरवाल से कहा कि आज आप जांच में सहयोग करने से इनकार करते हैं। आप कहते हैं कि ये सब राजनीति से प्रेरित हैं, जैसे कि भ्रष्टाचार' करना आपका 'शिष्टाचार है। कब तक आप यह विक्टिमहुड कार्ड खेलेंगे? यह INDIA गठबंधन का 'चरित्र' है, केवल एक चीज जो उन्हें बांधती है वह कमीशन और भ्रष्टाचार है, कोई मिशन या विजन नहीं।
#WATCH | ED has summoned Delhi CM & AAP national convener Arvind Kejriwal to join investigation today in its ongoing probe in Delhi Excise policy case.
BJP National Spokesperson Shehzad Poonawalla says, "Arvind Kejriwal, if there is nothing to hide...then why are you not… pic.twitter.com/HNJTzxIC9z
इधर सभी की नजरें केजरीवाल के एक्शन और उस पर ईडी के रिएक्शन पर लगी हुई है। सवाल उठ रहा है कि अगर केजरीवाल नहीं जाते हैं तो ईडी दिल्ली सीएम के खिलाफ क्या कदम उठाएगी।
ईडी इससे पहले भी 4 बार केजरीवाल को समन भेज चुकी है। हालांकि वे एक बार भी ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए हैं। अब सभी की नजरें इस बात पर लगी हुई है कि क्या वे जांच में शामिल होंगे।
चौथे नोटिस के जवाब में केजरीवाल ने कहा था कि हमने कोई भी भ्रष्टाचार नहीं किया है। भाजपा का मकसद मुझे गिरफ्तार करवाकर लोकसभा चुनाव के प्रचार से रोकना है।
कहा जा रहा है कि अगर केजरीवाल इस मामले में ईडी के समझ पेश नहीं होते हैं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री आरोप लगाते रहे हैं कि उन्हें भेजे गए ईडी के समन राजनीति से प्रेरित हैं और ये भाजपा के इशारे पर उन्हें अनावश्यक कारणों से भेजे गए थे।
इससे पहले ईडी ने केजरीवाल को 2 नवंबर 2023, 21 दिसंबर और 3 जनवरी को पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन सीएम केजरीवाल ने इन तीनों ही समन को गैर कानूनी बताया था।
हाल ही पार्टी ने दावा किया था 'मैं भी केजरीवाल' हस्ताक्षर अभियान के तहत राजधानी के 23 लाख से अधिक घरों से संपर्क किया गया और अधिकतर लोगों की राय है कि अगर अरविंद केजरीवाल को भाजपा की साजिश के तहत गिरफ्तार किया जाता है तो उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए।